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Exclusive: लड़कियों को देह व्यापार के दलदल में धकेलने वाले गिरोह का पर्दाफाश, ऐसे उठाते थे मजबूरी का फायदा

Zee News Exclusive: महिलाएं और लड़कियां मध्य एशिया के देश उज़्बेकिस्तान की हैं, जिन्हें होटल में काम दिलाने का झांसा देकर पहले दुबई और फिर वहां से नेपाल लाया गया. नेपाल से यूपी और बिहार का बॉर्डर पार करके उन्हें दिल्ली पहुंचाया गया और दिल्ली आते ही इन्हें जिस्म के बाज़ार में ग़ुलाम बनाकर बेचने का सिलसिला शुरू हो गया.

Exclusive: लड़कियों को देह व्यापार के दलदल में धकेलने वाले गिरोह का पर्दाफाश, ऐसे उठाते थे मजबूरी का फायदा
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Abhishek Kumar|Updated: Aug 30, 2022, 08:59 PM IST

Exclusive Report: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो मध्य एशिया के देशों से महिलाओं और लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर देह व्यापार के दलदल में धकेल देता था. भारत समेत 7 देशों में फैले इस गिरोह को चलाने वाले भी विदेशी ही हैं, जिनमें 5 अब पुलिस की गिरफ्त में हैं. 

उज़्बेकिस्तान की हैं महिलाएं

महिलाएं और लड़कियां मध्य एशिया के देश उज़्बेकिस्तान की हैं, जिन्हें होटल में काम दिलाने का झांसा देकर पहले दुबई और फिर वहां से नेपाल लाया गया. नेपाल से यूपी और बिहार का बॉर्डर पार करके उन्हें दिल्ली पहुंचाया गया और दिल्ली आते ही इन्हें जिस्म के बाज़ार में ग़ुलाम बनाकर बेचने का सिलसिला शुरू हो गया.

एक पीड़िता ने कहा कि मेरा देश उज़्बेकिस्तान है. मैं नेपाल से आई, इन लोगों ने मेरा पासपोर्ट छीन लिया और फिर कभी नहीं लौटाया. नेपाल से मैं दिल्ली आई. मेरी बॉस ने कहा कि तुम मेरी मदद करना, मेरे बच्चे की तबीयत ठीक नहीं है. तुम उसकी देखभाल करना, बदले में मैं तुम्हें रोज़ पैसे दूंगी. जब मैं यहां आई, तो मुझे दूसरे काम में लगा दिया गया. मैं बहुत रोई, बहुत लड़ी. मुझे मजबूरी में ये काम करना पड़ा. मजबूरी में ये काम करती रही, वे पासपोर्ट नहीं दे रहे थे. कहते थे कि जहां जाना हो जाओ, लेकिन पासपोर्ट उनके पास ही रहेगा.  

मानव तस्करों के चंगुल में फंसी इन महिलाओं का पासपोर्ट और ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स भी छीन लिए गए. बिना पासपोर्ट-वीज़ा के पुलिस की मदद मांगने पर जेल जाने का खतरा था, इसलिए लगभग सात महीने तक इन महिलाओं ने मजबूरी में अपना जिस्म बेचा. इनमें तीन लड़कियों ने हिम्मत दिखाकर उज़्बेकिस्तान के दूतावास से संपर्क करना चाहा, तो उन्हें वहां से भी खींचकर वापस उसी दलदल में पटक दिया गया.

देह व्यापार के दलदल से ऐसे निकलीं

देह व्यापार के दलदल से इन लड़कियों के बाहर निकलने का रास्ता भी किस्मत से ही मिला. 23 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने छापा मारकर 5 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया था. उन्हीं से पूछताछ में पता चला कि दिल्ली में इंटरनेशनल गैंग चल रहा है जो उज़्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अज़रबैजान और कज़ाकिस्तान से महिलाओं को दुबई और नेपाल के रास्ते भारत लाता है और उन्हें बंधक बनाकर देह व्यापार के लिए मजबूर कर देता है.

दिल्ली के मालवीय नगर इलाके से छुड़ाई गई इन लड़कियों ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई के बाद उनसे देह व्यापार कराना बंद कर दिया गया. मौका पाकर 3 लड़कियां 23 अगस्त को उज़्बेकिस्तान के दूतावास पहुंचीं लेकिन उनके अंदर पहुंचने से पहले ही इस गैंग की बॉस अज़ीज़ा शेर नाम की अफ़ग़ानिस्तान की महिला वहां पहुंच गई. उसका पति शेरज़ात भी साथ में था. उन दोनों ने तीन में दो लड़कियों से मारपीट करके अपने साथ चलने के लिए मजबूर कर दिया. तीसरी लड़की किसी तरह दूतावास से संपर्क करने में कामयाब रही, जिसकी आपबीती सुनने के बाद दूतावास ने पुलिस को सूचना दी.

लड़कियों को पुलिस ने इस कैद से छुड़ाया और उन्हें इम्पावरिंग ह्यूमैनिटी नाम के एक एनजीओ के हवाले कर दिया.इन लड़कियों ने पुलिस में जो शिकायत दर्ज़ कराई है, उसके मुताबिक देह व्यापार के जिस रैकेट में ये 7 महिलाएं फंसी थीं, उसे अज़ीज़ा शेर, उसका पति शेरज़ात माराल आपा उर्फ मरियम, जुमायेवा अज़ीज़ा, मेरेदेव अहमद, माफ्तुना उर्फ करीना आपा, लैला गुलज़ार और राहुल चला रहे थे। ज़ुबैर हाशमी नाम का एक वकील भी इस गैंग के साथ था.

इन लड़कियों को दिल्ली के अलावा पंजाब के लुधियाना में भी देह व्यापार के लिए भेजा जाता था. एफआईआर में ये भी बताया गया कि इन लड़कियों का लुधियाना और दिल्ली के अस्पताल में गर्भपात भी कराया गया.

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