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One Nation One Election: एक साथ LS- विधान सभाओं के चुनाव कराना आसान नहीं, पड़ेगी इतने लाख EVM की जरूरत

EVMs Numbers for One Nation One Election: मोदी सरकार देश में एक राष्ट्र-एक चुनाव की योजना पर आगे बढ़ रही है. अगर ऐसा हुआ तो लोकसभा-असेंबली के चुनाव के लिए कुल कितनी ईवीएम की जरूरत पड़ेगी. 

One Nation One Election: एक साथ LS- विधान सभाओं के चुनाव कराना आसान नहीं, पड़ेगी इतने लाख EVM की जरूरत
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Devinder Kumar|Updated: Oct 27, 2023, 05:03 AM IST

Estimated number of EVMs for One Nation One Election: देश में अगर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं तो कुल कितनी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की जरूरत पड़ेगी. चुनाव आयोग ने गणना के बाद इसकी अनुमानित संख्या बता दी है. आयोग के मुताबिक देश में वन नेशन- वन इलेक्शन करवाने लिए लगभग 30 लाख ईवीएम की जरूरत पड़ेगी. इसके साथ ही सुगमतापूर्वक चुनाव संपन्न कराने की तैयारियों में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा.

30 लाख यूनिटों की पड़ेगी जरूरत

सूत्रों के मुताबिक एक ईवीएम में एक कंट्रोल यूनिट, कम से कम एक बैलेट यूनिट और एक वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) यूनिट होती है. ऐसे में चुनाव आयोग को एक साथ चुनाव कराने के लिए लगभग 30 लाख (EVM) कंट्रोल यूनिट, लगभग 43 लाख बैलेट यूनिट और लगभग 32 लाख वीवीपीएटी की आवश्यकता होगी. 

बनाने होंगे भंडारण केंद्र

जानकारों के मुताबिक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने (One Nation One Election) के लिए लगभग 35 लाख वोटिंग यूनिट (कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपीएटी यूनिट) की कमी है. एक साथ चुनाव कराने पर विचार-विमर्श तेज होने के बीच निर्वाचन आयोग ने कुछ महीने पहले विधि आयोग को सूचित किया था कि उसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को रखने के लिए पर्याप्त भंडारण सुविधाओं की भी आवश्यकता होगी. 

सरकार में चल रही है चर्चा

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव (One Nation One Election) एक साथ कराने पर एक रिपोर्ट पर काम कर रहे विधि आयोग ने निर्वाचन आयोग के साथ उसकी जरूरतों और चुनौतियों पर बातचीत की थी. बातचीत से अवगत सूत्रों ने कहा कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि इस तरह की कवायद कब होगी. जब कुछ राज्यों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं, तो मतदाता दो अलग-अलग ईवीएम (EVM) में अपना वोट डालते हैं.

आएगा भारी भरकम खर्च

पिछले लोकसभा चुनाव में 12.50 लाख मतदान केंद्र थे. आयोग को अब 12.50 लाख मतदान केंद्रों के लिए लगभग 15 लाख कंट्रोल यूनिट, 15 लाख वीवीपीएटी यूनिट और 18 लाख बैलेट यूनिट की आवश्यकता है. इस बारे में हालांकि कोई आधिकारिक अनुमान उपलब्ध नहीं है कि इन वोटिंग इकाइयों की लागत कितनी है, लेकिन पिछली खरीद दरों के हिसाब से भी देखा जाए तो एक करोड़ यूनिट के लिए कुल लागत 15,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी, 
जिसमें वीवीपीएटी इकाइयों के लिए 6,500 करोड़ रुपये से अधिक शामिल हैं. 

हाई लेवल कमेटी कर रही विचार

अगर लोकसभा और विधानसभा चुनावों (One Nation One Election) के साथ स्थानीय निकाय चुनाव भी कराए जाएं तो लागत और भी बढ़ सकती है. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति संविधान के तहत मौजूदा ढांचे और अन्य वैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने पर विचार कर रही है. सूत्रों के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने विधि आयोग के साथ अपनी बातचीत में ईवीएम के लिए अधिक भंडारण सुविधाओं की आवश्यकता जैसी चुनौतियों पर भी चर्चा की है. 

(एजेंसी भाषा)

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