trendingNow12339509
Hindi News >>देश
Advertisement

किसी भी बूथ की कोई भी ईवीएम चेक कर लीजिए, हारने वाले उम्मीदवारों को चुनाव आयोग का ऑफर

Election Commission EVM Testing: चुनाव आयोग ने ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोपों से निपटने के लिए हारने वाले उम्मीदवारों को EVM, VVPAT पर्चियों की रैंडम जांच से लेकर तमाम विकल्प दिए हैं.

किसी भी बूथ की कोई भी ईवीएम चेक कर लीजिए, हारने वाले उम्मीदवारों को चुनाव आयोग का ऑफर
Stop
Deepak Verma|Updated: Jul 17, 2024, 08:44 AM IST

Election Commission SOP For EVMs: निर्वाचन आयोग ने हारने वाले उम्मीदवारों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की रैंडम टेस्टिंग का विकल्प दिया है. लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद कई असंतुष्ट उम्मीदवार EVM में छेड़छाड़ का आरोप लगाकर जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं. आयोग ने उन्हें किसी भी मतदान केंद्र की EVM मशीन से प्रयोगिक मतदान या प्रयोगिक तौर पर VVPAT की पर्चियों की जांच सहित विभिन्न विकल्प दिए हैं.

निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा मंगलवार को जारी मानक परिचालन प्रक्रिया (SOP) के मुताबिक चुनाव में दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले उम्मीदवारों को बड़ी संख्या में उनके चुने हुए मतदान केंद्रों के ईवीएम की जांच करने का विकल्प दिया गया है. निर्वाचन आयोग ने कहा कि नियंत्रित जांच की पुरानी परिपाटी से आगे जाने से जांच और सत्यापन प्रक्रिया संबंधी कोई पूर्वाग्रह या छेड़छाड़ की संभावना या आशंका समाप्त हो जाती है.

आठ उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग से की मांग

निर्वाचन आयोग को भाजपा और कांग्रेस सहित आठ असंतुष्ट उम्मीदवारों से आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें चार जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद ईवीएम में लगे माइक्रो-कंट्रोलर चिप्स में कथित छेड़छाड़ या बदलाव की जांच कराने का अनुरोध किया गया है.

उच्चतम न्यायालय ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका को ‘तथ्यहीन’ करार देते हुए मतपत्र से मतदान कराने की पुरानी प्रक्रिया बहाल करने के वास्ते दाखिल याचिकाओं को 26 अप्रैल को खारिज कर दिया था. शीर्ष अदालत ने लेकिन साथ ही दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले असंतुष्ट उम्मीदवारों के लिए रास्ता खोलते हुए उन्हें लिखित आवेदन एवं शुल्क के साथ प्रति विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में पांच प्रतिशत ईवीएम के ‘माइक्रो कंट्रोलर’ चिप्स की जांच एवं सत्यापन कराने की अनुमति दी थी.

यह भी पढ़ें: बनिया का बेटा हूं... अमित शाह ने भरे मंच से क्यों बताई अपनी जाति? पूरा वाकया जानिए

कैसे EVM की जांच करा सकते हैं उम्मीदवार?

निर्वाचन आयोग ने कहा कि पात्र उम्मीदवार विधानसभा क्षेत्र या निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केन्द्रों या मशीनों की क्रम संख्या का विकल्प दे सकते हैं, बशर्ते कि उस क्षेत्र या सीट में प्रयुक्त अधिकतम पांच प्रतिशत ईवीएम की जांच और सत्यापन प्रक्रिया हो. इससे यह सुनिश्चित होगा कि आवेदक की पसंद के अनुसार पूरे निर्वाचन क्षेत्र से ईवीएम का चयन किया जाए तथा किसी विशेष मशीन के चयन या उसे छोड़ने में किसी तीसरे पक्ष या अधिकारी की भागीदारी नहीं होगी.

आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों को किसी निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी मतदान केंद्र के ईवीएम को जांच के लिए चुनने का भी विकल्प दिया जाएगा. यदि कोई भी आवेदक उम्मीदवार किसी विशेष मतदान केन्द्र की कोई विशिष्ट इकाई - बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट या वीवीपैट का चयन करता है, तो वह उस मतदान केन्द्र पर प्रयुक्त उसी सेट की अन्य इकाइयों को चुनने के लिए बाध्य नहीं है.

आयोग किसी भी मशीन से अपनी इच्छा के अनुसार प्रायोगिक मतदान करके यह जांच कर सकते हैं कि मशीन से सही मतदान हुआ है या नहीं. लेकिन इसके लिए अधिकतम मतों की संख्या 1400 तय की गई है. इसी प्रकार तय प्रक्रिया के तहत वीवीपैट की भी गिनती की जाएगी.

(एजेंसी इनपुट्स)

Read More
{}{}