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PFI को तगड़ा झटका, इस बड़े प्रोजेक्ट की जमीन जब्त; मनी लॉड्रिंग कानून के तहत हुआ एक्शन

ED PFI News : ईडी ने पीएफआई पर बहुत बड़ा एक्शन लिया है. आपको बताते चलें कि इससे पहले जांच एजेंसी NIA ने PFI और SDPI के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए थे. 

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Jitender Sharma|Updated: Aug 05, 2023, 04:14 PM IST

PFI Property seized: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (ED) ने PFI मामले में केरल के मुन्नार में चल रहे पीएफआई (PFI) कैडर के कुछ लोगों के प्रोजेक्ट यानी M/s Munnar Villa Vista Pvt Ltd के 4 विला और 6.75 एकड़ की जमीन को जब्त कर लिया है. एजेंसी ने मनी लॉड्रिंग कानून के तहत 6 जनवरी 2023 को इस संपत्ति को अटैच किया था. फिर अदालत ने ED के अटैचमेंट के फैसले को सही ठहराते हुये 30 जून 2023 को इस संपत्ति को जब्त करने के आदेश दिये थे. इसी के बाद अब केंद्रीय एजेंसी ने PFI की केरल के मुन्नार में चल रहे इस प्रोजेक्ट में बने 338.03 स्क्वेयर मीटर के चार विला और साथ ही 6.75 एकड़ की जमीन को जब्त किया है.

NIA के दर्ज मामले के आधार पर ED का एक्शन

एजेंसी ने ये कारवाई NIA के दर्ज मामले के आधार पर की. आपको बताते चलें कि इससे पहले जांच एजेंसी NIA ने PFI (Popular Front of India) और SDPI (Socialist  Democratic Party of India) के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जिसमें आरोप था कि PFI/SDPI के लोग कुन्नुर के नारथ में अपने कैडर को आतंकी ट्रेनिंग दे रहे हैं. कैडर को हथियार चलाने और एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि भारत के खिलाफ आतंकी वारदात की जा सके और इसे एक इस्लामिक देश बनाया जा सके. इस मामले में NIA ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें 21 आरोपियों को पांच से सात साल की सजा सुनाई गई थी.

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज होने के बाद कसा शिकंजा

ED ने इसी के बाद इस मामले के अलावा PFI के खिलाफ चल रहे दूसरे मामलों में भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी. एजेंसी ने जांच में पाया कि PFI के देश से बाहर भी काफी लोग है जो संगठन को मदद कर रहे हैं. वो मिडल ईस्ट के देशों के लोगों से धर्म के नाम पर पैसा लेकर यहां भारत में केरल के मुन्नार में चल रहे इस प्रोजेक्ट में लगा रहे थे ताकि इसके जरिये मनी लॉड्रिंग की जाए और इस प्रोजेक्ट की कमाई से PFI की आतंकी योजना को बढ़ाया जा सके.

आतंकी गतिविधियों के लिये बाहर से फंडिंग

जांच में PFI के अब्दुल रज्जाक बीपी का नाम सामने आया था जो PFI के लिये गल्फ देशों को देखता था और वहां से PFI की एक्टिविटी के लिये फंड का इंतजाम करता था. जांच में पता चला था अब्दुल रज्जाक गल्फ देशों से भारत में करीब 19 करोड़ लेकर आया था जिसे भारत में PFI की आतंकी गतिविधियों के लिये इस्तेमाल किया गया था.

पीएफआई पर यूं कसा कानूनी शिकंजा

इस मामले में एजेंसी ने अब्दुल रज्जाक के खिलाफ मई 2022 में चार्जशीट भी दाखिल की थी. PFI और इसके सदस्यों की अवैध गतिविधियों को देखते हुये एजेंसी ने मुन्नार प्रोजेक्ट और इससे जुड़े लोगों की अब तक 21.9 करोड़ की संपति जब्त कर ली है. PFI की देश विरोधी गतिविधियों को देखते हुये भारत सरकार ने PFI को 28 सितंबर 2022 को पांच साल के लिये बैन कर दिया था ताकि इसकी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके. 

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