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Dr. Subhash Chandra: 'प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खुद को मजबूत करना होगा', मीडिया मीट में डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने रखा अपना विजन

Dr. Subhash Chandra Latest News: पूर्व राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुभाष चंद्रा का कहना है कि निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए जी मीडिया कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि सामाजिक मुद्दों को जी मीडिया निर्भीकता के साथ सरकारों को सूचित करता रहेगा.  

Dr. Subhash Chandra: 'प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खुद को मजबूत करना होगा', मीडिया मीट में डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने रखा अपना विजन
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Devinder Kumar|Updated: Jun 04, 2024, 12:17 AM IST

Dr. Subhash Chandra Latest statement on Zee Media: पूर्व राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने मीडिया के सामने बढ़ती चुनौतियों और दर्शकों की कसौटी पर खरा उतरने के लिए 'मीडिया मीट' में अपना विजन रखा. डॉ. चंद्रा ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता के बिना एक स्वस्थ लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती. जी मीडिया की प्रतिबद्धता हमेशा इस स्वतंत्रता को बनाए रखने और सार्वजनिक हित की पत्रकारिता को बढ़ावा देती रहेगी. 

सोमवार को दिल्ली में आयोजित मीडिया मीट में डॉ. चंद्रा ने कहा कि देश की आर्थिक, सामाजिक संरचना और कमजोर लोगों की सुरक्षा के लिए स्वतंत्र मीडिया बहुत ज़रूरी है पंजाब में ज़ी मीडिया के प्रसारण को रोकने का जिक्र करते हुए डॉ चंद्रा ने कहा कि दर्शकों के प्रति अपने धर्म को पूरा करने के लिए वो और उनकी पूरी टीम कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है. डॉ. चंद्रा ने कहा कि जी मीडिया ने हमेशा अपने काम और मूल्यों के जरिए मीडिया संगठनों के लिए एक उदाहरण स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. जी मीडिया हमेशा निष्पक्ष और विश्वसनीय खबरें बताने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा. 

पंजाब में ज़ी न्यूज का प्रसारण ब्लैक आउट क्यों?

डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने मीडिया मीट में बताया कि पंजाब में AAP के सीएम का इंटरव्यू न चलाने पर जी मीडिया को धमकाया गया. यह इंटरव्यू एडिटोरियल डिसीजन की वजह से नहीं चलाया गया. हमें धमकाया गया कि इंटरव्यू न चलाने पर इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे. पंजाब सरकार ने हमारे सारे विज्ञापन रोक दिए. 2-3 दिन बाद न केवल जी मीडिया का प्रसारण ब्लॉक कर दिया गया. 

उन्होंने कहा कि केवल जी न्यूज ही नहीं, जी पंजाब-हरियाणा, जी दिल्ली-एनसीआर और यहां तक कि जी एंटरटेनमेंट चैनल का प्रसारण रोक दिया गया. जिसका इस मसले से कोई संबंध ही नहीं था. 8 दिनों तक हमारा पंजाब में प्रसारण पूरी तरह बंद रहा. हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद फिर इसे बहाल कर दिया गया. 

डॉक्टर चंद्रा ने अफसोस जताते हुए कहा कि  यह सारी लड़ाई ज़ी मीडिया को अकेले लड़नी पड़ी है और कोई दूसरा मीडिया ग्रुप इस मसले पर सामने नहीं आया. लेकिन आज यह हमारे साथ हुआ तो कल को दूसरों के साथ भी हो सकता है. मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि अभिव्यक्ति की इस आजादी के लिए ज़ी मीडिया हमेशा खड़ा मिलेगा.  

प्रेस की स्वतंत्रता के खिलाफ खतरों को पहचानें - डॉ. सुभाष चंद्रा

डॉ. चंद्रा ने कहा कि मैं अपने दर्शकों और नियामक निकायों सहित सभी हितधारकों से आग्रह करता हूं कि वे प्रेस की स्वतंत्रता के लिए इन खतरों को पहचानें और उनके खिलाफ खड़े हों. एक स्वतंत्र मीडिया हमारे प्यारे देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक संरचना, समाज के कमजोर लोगों की सुरक्षा, भ्रष्टाचार में कमी और अंत में लोकतंत्र के मामले में बेहद महत्वपूर्ण है. 

प्रेस की आजादी की सहज रूप में की थी बात- डॉ. चंद्रा

'मीडिया मीट विद सुभाष चंद्रा' कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा, '3 मई को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर हर बार की तरह मैंने सामान्य तौर पर एक वीडियो संदेश जारी किया था. इस मैसेज में मैंने सामान्य रूप से पत्रकारिता की आजादी की बात कही थी. इस संदेश के बाद मेरी ओर से जारी प्रेस रिलीज में भी स्पष्ट किया गया कि यह वीडियो किसी व्यक्ति, दल या संगठन के खिलाफ नहीं है.' 

'नेगेटिव खबर के बाद रोक लिया गया विज्ञापन'

अपने पुराने संस्मरण को याद करते हुए डॉक्टर चंद्रा ने कहा, 'एक मंथली मीटिंग में एक बार बिजनेस कलीग्स ने बताया कि हमारा रेवेन्य डाउन हुआ है. जब मैंने पूछा कि क्यों? तो उन्होंने बताया कि एडिटोरियल ने कुछ नेगेटिव खबरें की थी, जिसके बाद सरकार ने विज्ञापन रोक लिया था. यही सब कुछ मेरे माइंड में था, जो उस रिकॉर्डेड वीडियो मैसेज में रिफ्लेक्ट हुआ.' 

'सिस्टम से हारा आदमी हमारे पास आता है'

डॉ. चंद्रा ने कहा, आप सब जानते हैं कि देश में सबसे पहले प्राइवेट न्यूज चैनल हमने शुरू किया था. सिस्टम से हारा हुआ आदमी हमारे पास आता है. कुछ साल पहले हमने एक एक्सरसाइज शुरू की थी. इसके तहत हमने देश में 7 हजार परिवारों से बात की. लोगों ने कहा था कि आप लोग केवल राजनीतिक शो करते हो. केवल पॉलिटिक्स न्यूज दिखाते हो. लेकिन हमारी समस्याएं कभी नहीं दिखाते. इतनी सारी भड़ास निकालने के बावजूद उन्होंने कहा कि हमारी आखिरी उम्मीद केवल आप ही हैं. 

'सार्वजनिक मुद्दों के प्रति अपना ध्यान केंद्रित करें'

दर्शकों का यह फीडबैक मिलने के बाद हमने न्यूज के मामले में 5 सूत्री पैरामीटर बनाए, जिनके आधार पर हम अपने दर्शकों को न्यूज परोसेंगे. वे पैरामीटर हमारे मानक हैं. निष्पक्ष खबरों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करने वाले हमारे प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:- 

- सरकार को सच्चाई के बारे में साहसपूर्वक सूचित करें.

- सार्वजनिक मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करें, चाहे उन्हें सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाए या नहीं.

- अनुचित दबाव डालने की कोशिश करने वाली किसी भी सरकार को बेनकाब करने के लिए अपने राष्ट्रव्यापी नेटवर्क का उपयोग करें, इसे पूरे देश में एक अभियान में बदल दें, बशर्ते हम सभी एक साथ हों.

- पत्रकारों को हमेशा दबाव से निपटने और दबाव में ईमानदारी बनाए रखने का प्रशिक्षण दें.

- यदि आवश्यक हो, तो प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए जनहित याचिका के रूप में मुकदमा दायर करें और कानूनी उपाय की तलाश करें. आइए हम सब मिलकर इसमें शामिल हों.

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