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Emerging threat in Airspace: जाना था जापान पहुंच गए चीन वाला हाल न हो, हवा में सिग्नल की गड़बड़ी पर एक्शन में DGCA

DGCA Advisory: तकनीक आगे बढ़ी है तो बदलते समय में पायलटों की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं. ऐसे में डीजीसीए ने खतरों को कम करने के लिए एडवायजरी जारी की है.

Emerging threat in Airspace: जाना था जापान पहुंच गए चीन वाला हाल न हो, हवा में सिग्नल की गड़बड़ी पर एक्शन में DGCA
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Shwetank Ratnamber|Updated: Nov 24, 2023, 03:47 PM IST

GNSS jamming and spoofing: हवाई जहाज आसमान में हो, तब इंजन के साथ नेवीगेशन सिस्टम और सिग्नलों की अहम भूमिका होती है. मौसम की खराबी या अन्य किसी इमरजेंसी पर आपात लैंडिंग कराने का विकल्प होता है. लेकिन जानबूझकर विमानों को निशाना बनाए जाने पर मामला गंभीर हो जाता है. दरअसल जिस तरह बीते कुछ दिनों में मिडल ईस्ट (Middle East) में हवाई क्षेत्र में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) के जाम होने और स्पूफिंग के कई मामले सामने आए, उससे भारत की चिंता बढ़ गई है.

डीजीसीए ने जारी की एडवायजरी

देश में हवाई सेवाओं पर नियंत्रण रखने वाली संस्था नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए (DGCA) ने 4 अक्टूबर 2023 को इंटरनल कमेटी बनाई थी. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर, डीजीसीए (DGCA) ने एडवायजरी जारी की है. जिसमें सुरक्षा से जुड़े खतरे को कम करने पर जोर दिया गया है. खासकर उड़ान के दौरान ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम को जैमिंग से बचाने और स्पूफिंग खतरों से निपटने के लिए ये कवायद की गई है.

किस तरफ इशारा?

ये सर्कुलर उन क्षेत्रों के बारे में भी बताता है, जहां उड़ान के दौरान हवा में सिग्नलों से छेड़छाड़ की घटनाएं देखी गईं. रिपोर्ट में इसके संभावित खतरों का भी जिक्र किया गया है. वहीं ये पत्र एक तरह का रिमाइंडर है जो सभी विभागों के परस्पर क्वार्डिनेशन पर जोर देता है. ताकी सिग्नलों से छेड़छाड़ होने की सूरत में जोखिम का सही समय पर मूल्यांकन हो सके. ऐसे खतरों की सतत निगरानी के साथ एक नेटवर्क बनाकर काम करने की हिदायद दी गई है.

इस सर्कुलर में विमान ऑपरेटरों, पायलटों, एयर नेविगेशन सेवा प्रदाता (ANSP) कंपनी के साथ एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को किसी भी चुनौती से निपटने के लिए सतर्क रहने को कहा है. इसमें इमरजेंसी का आंकलन करके उस खतरे को न्यूनतम स्तर तक लाने की सलाह दी गई है.

UN के संज्ञान में है मामला

मिडिल ईस्ट की गिनती अशांत क्षेत्रों में होती है. इसलिए डीजीसीए ने स्पूफिंग की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए ऑपरेटरों को जागरूक किया है. DGCA ने इस संवेदनशील विषय पर दुनिया भर के एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा की है. DGCA के एक अधिकारी ने कहा, ये सर्कुलर एविएशन सेक्टर की चुनौतियों से निपटने, नई तकनीक का इस्तेमाल करने. नया सुरक्षा तंत्र विकसित करने के लिए है. इसमें नए खतरे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) की संस्था इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेश (ICAO) की गाइडलाइंस का जिक्र किया गया है.

सिग्नल की गड़बड़ी से विमान रास्ता भटक सकता है. ऐसी स्थिति में आगे कुछ और चुनौतियां बढ़ सकती हैं. इसलिए इस गंभीर खतरे से सभी को आगाह किया गया है.

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