trendingNow12443795
Hindi News >>देश
Advertisement

Delhi Politics: वास्तविक सत्ता केजरीवाल के हाथों में होगी.. आतिशी केवल फाइलों पर हस्ताक्षर करेंगी?

Delhi Politics: दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आया है. आतिशी ने मुख्यमंत्री पद ग्रहण किया लेकिन उनकी शपथ ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जब आतिशी ने मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला तो उनके बगल में एक लाल रंग की कुर्सी रखी गई थी.

Delhi Politics: वास्तविक सत्ता केजरीवाल के हाथों में होगी.. आतिशी केवल फाइलों पर हस्ताक्षर करेंगी?
Stop
Gunateet Ojha|Updated: Sep 24, 2024, 12:06 AM IST

Delhi Politics: दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आया है. आतिशी ने मुख्यमंत्री पद ग्रहण किया लेकिन उनकी शपथ ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जब आतिशी ने मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला तो उनके बगल में एक लाल रंग की कुर्सी रखी गई थी. जिसे उन्होंने खुद केजरीवाल की कुर्सी बताते हुए कहा कि वह अगले चार महीनों में सिर्फ एक ही एजेंडा रखती हैं.. केजरीवाल को दोबारा मुख्यमंत्री बनाना.

इस स्थिति ने दिल्ली के राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है. जैसे ही आतिशी ने कुर्सी संभाली.. उन्होंने स्वीकार किया कि वह केवल फाइलों पर हस्ताक्षर करेंगी और वास्तविक सत्ता केजरीवाल के हाथों में होगी. बीजेपी और कांग्रेस ने उनकी स्थिति को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. यह आरोप लगाते हुए कि आतिशी केवल चुनावी राजनीति के लिए मुख्यमंत्री बनी हैं.

आतिशी ने इस दौरान केजरीवाल की तुलना राम से की और कहा कि जैसे भरत जी ने श्रीराम की खड़ाऊ रखकर शासन संभाला, वे भी उसी तरह कार्य करेंगी. लेकिन यह स्थिति राजनीतिक गरिमा पर सवाल उठाती है. क्या यह मुख्यमंत्री पद का अपमान नहीं है कि एक नई मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी के बजाय किसी और की कुर्सी की तरफ देख रही है?

बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और यह चापलूसी का उदाहरण है. वहीं कांग्रेस के राशिद अल्वी ने इस तुलना को अजीब बताते हुए कहा कि दिल्ली की जनता को आतिशी में अपना मुख्यमंत्री नहीं दिख रहा.

इस घटनाक्रम के बाद यह स्पष्ट है कि आतिशी की मुख्यमंत्री शपथ एक नई राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकती है. जहां असली नियंत्रण केजरीवाल के हाथों में रहने वाला है. ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या दिल्ली की जनता अगले चुनाव में केजरीवाल को फिर से चुनेगी. जबकि उन्हें अपने मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी दिखाई नहीं दे रही हैं.

आतिशी का मुख्यमंत्री बनना और उनके बगल में केजरीवाल की कुर्सी का होना.. दिल्ली की राजनीति में एक नया सवाल उठाता है कि क्या यह वास्तव में सत्ता की गरिमा है या केवल एक राजनीतिक खेल?

Read More
{}{}