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Yamunanagar News: नाबालिग की कराई जा रही थी दोगुनी उम्र के शख्स से शादी, पुलिस ने रुकवाई

Yamunanagar Crime News: यमुनानगर में एक नाबालिग लड़की की शादी गोगुनी उम्र के शख्स से करई जा रही थी. वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवाने के आदेश दे दिए.

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Yamunanagar News: नाबालिग की कराई जा रही थी दोगुनी उम्र के शख्स से शादी, पुलिस ने रुकवाई
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Abhinav Tomer|Updated: May 03, 2023, 01:50 PM IST

Yamunanagar Crime News: यमुनानगर के आजाद नगर में एक नाबालिग की शादी होने की सूचना मिलने पर पुलिस एवं प्रोटेक्शन ऑफिसर मौके पर पहुंचे, जब सभी दस्तावेज की जांच की गई तो दुल्हन बनी युवती की आयु 17 वर्ष 4 महीने पाई गई. इसके बाद अधिकारियों ने यह शादी रुकवाने के आदेश दिए.

कानून के नियम अनुसार शादी के लिए लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए, लेकिन उसके बावजूद भी लोग बेटियों की शादियों को अपने लालच में आकर नाबालिग उम्र में कर देते हैं. पुलिस जांच अधिकारी भूप सिंह ने बताया कि मौके पर मिले दस्तावेज के मुताबिक युवती की आयु 17 वर्ष 4 महीने है. इसके बाद इस संबंध में शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया और शादी रुकवा दी गई.

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नाबालिग की शादी की सूचना मिलने पर जहां पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं प्रोटेक्शन ऑफिसर को भी मौके पर बुलाया गया, जिसके बाद सभी दस्तावेज की जांच के बाद पाया गया कि युवती की आयु 18 वर्ष नहीं, अर्थात विवाह योग्य नहीं है. इसी के चलते शादी रुकवाई गई. बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति से शादी की जानी थी, उसकी आयु 33 वर्ष के करीब है, लेकिन अब यह शादी रुकवा दी गई है और पुलिस मामले में जांच एवं कार्रवाई कर रही हैं.

आजादी से पहले बना कानून
हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में आज भी बाल विवाह कराएं जाते हैं. वहीं हमारे देश में बाल विवाह रोकने के लिए आजादी से पहले 1929 में कानून लागू हो गया था. उस समय लड़के की शादी के लिए कानूनी उम्र 18 और लड़की की 14 साल थी. इसके बाद 1978 में कानून में संशोधन कर लड़की की उम्र 21 और लड़की की उम्र 18 साल कर दी गई. वहीं 2006 में फिर इसमें संशोधन किया गया. बाल विवाह को गैर-जमानती अपराध बनाया गया. वहीं अब फिर से इसमें संशोधन की बात चल रही है, जिसमें लड़कियों की उम्र को 21 साल किया जा सकता है.

बता दें कि 2006 में बाल विवाह प्रतिषेध कानून बना था, जो कि बाल विवाह को अपराध बनाता है. इस कानून के आधार पर कोई भी व्यक्ति या संगठन बाल विवाह को कोर्ट के आदेश से उसे रुकवा सकता है. इसके बाद भी अगर शादी हो जाती है तो दोषी पाए जाने पर 2 साल की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. वहीं शादी होने पर कोर्ट शादी को शून्य घोषित कर देता है.

Input: Kulwant Singh

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