trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana01630134
Home >>Delhi-NCR-Haryana

Soil Health Card की मदद से Palwal के किसान कर रहे कम खर्च में भरपूर पैदावार, जानें कैसे

Palwal Soil Health Card scheme: भूमि एवं जल परीक्षण अधिकारी डॉ सुमेर सिंह ने बताया कि जिले में अभी तक 57 हजार 592 किसानें के खेतों से मिट्टी के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 26 हजार 75 किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाकर जारी कर दिए गए है.

Advertisement
Soil Health Card की मदद से Palwal के किसान कर रहे कम खर्च में भरपूर पैदावार, जानें कैसे
Stop
Vipul Chaturvedi|Updated: Mar 28, 2023, 04:45 PM IST

पलवल: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल द्वारा हर खेत स्वास्थ्य खेत योजना के तहत जिले में मृदा एवं जल स्वास्थ्य कार्ड (Soil and Water Health Card) बनाए जा रहे है. भूमि एवं जल परीक्षण अधिकारी डॉ सुमेर सिंह ने बताया कि जिले में अभी तक 57 हजार 592 किसानें के खेतों से मिट्टी के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 26 हजार 75 किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाकर जारी कर दिए गए है.

भूमि एवं जल परीक्षण अधिकारी डॉ सुमेर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि किसानों की आय को दोगुना किया जाए. सरकार द्वारा हर खेत स्वास्थ्य खेत योजना (Har Khet-Swasth Khet Scheme) शुरू किए गए है. योजना के अनुसार पहले और दूसरे चरण में पलवल जिले के होडल, हसनपुर, हथीन, पृथला खंड से किसानों के खेतों पर जाकर मिट्टी के नमूने लिए गए है. प्रयोगशाला में मिट्टी के सैंपल की जांच की जा रही है. जांच के बाद किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड (Soil Health Card Scheme) जारी किए जा रहे है. उन्होंने बताया कि सॉयल हेल्थ कार्ड में मिट्टी के पीएच लेवल, ईसी, आर्गेनिक कार्बन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, जिंक, आयरन, कॉपर, मैगनीज की मात्रा के बारे में बताया गया है. मिट्टी व पानी का विशेषण कर किसानों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी जा रही है.

ये भी पढ़ें: BJP सरकार में 3 विकल्प- पार्टी में शामिल हो, जेल जाओ या आंदोलन करो- राकेश टिकैत

किसानों को फसल चक्र के बारे में बताया जा रहा है कि गेहूं, धान, गन्ना, कपास, चना, बाजरा, सरसों आदि फसलों के लिए भूमि उपयोगी है. उन्होंने कहा कि किसान मिट्टी व पानी की जांच के बाद कम खर्च में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. सॉयल हेल्थ कार्ड के माध्यम से भूमि में कम पोषक तत्वों की पूर्ति करने के बाद फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है. उन्होंने बताया कि किसान सहायक की मदद से किसानों के खेतों पर जाकर मिट्टी व पानी के नमूने लिए जा रहे है. किसान सहायकों को इस एवज में 40 रुपये प्रति सैंपल प्रदान किए जा रहे है. अभी तक किसान सहायकों को डीबीटी के माध्यम से 16 लाख 3 हजार 20 रुपये की राशी का भुगतान किया जा चुका है.

गांव जनौली के किसान सचिन ने बताया कि खेतों से मिट्टी और पानी लाकर लैब में जांच करवाई है. जांच के बाद सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किया गया है, जिसके अनुसार ही खेतों में खाद प्रयोग कर रहे हैं. ऐसा करने से फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं गांव फैजलपुर के किसान हरीश ने बताया कि लैब में अपने खेतों की मिट्टी के सैंपल भेजे थे, जिसके अनुसार सॉयल हेल्थ कार्ड बनाया गया है. सॉयल हेल्थ कार्ड में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बताया गया है और कम पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए खाद का प्रयोग किया है. इस कारण फसल की अच्छी पैदावार हो रही है.

Input: Rushtam Jhakar

Read More
{}{}