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हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन, बोली- हम कॉर्पोरेट घराने के खिलाफ नहीं

कैथल में एलआईसी कार्यालय के बाहर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अडानी की उच्चसरीय जांच करवाई जाए. हम एलआईसी और एसबीआई को बर्बाद नहीं होने देंगे.

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन, बोली- हम कॉर्पोरेट घराने के खिलाफ नहीं
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Abhinav Tomer|Updated: Mar 10, 2023, 01:53 PM IST

विपिन शर्मा/कैथल: शुक्रवार को यानी आज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कैथल के एलआईसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन और नारेबाजी की. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अपने करीबी दोस्तों और चुनिंदा अरबपतियों को फायदा पहुंचाने की नीतियों से पूरा देश, खासकर मध्यम वर्ग चिंतित है. मोदी सरकार द्वारा अडानी  समूह में LIC और SBI जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश ने भारत के निवेशकों पर प्रभाव डाला है. इसमें LIC के 29 करोड़ पॉलिसी धारकों और SBI के 45 करोड़ खाताधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.

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पूर्व पेट्रोलियम मंत्री जयप्रकाश ने कहा कि एलआईसी और एसबीआई जैसे पीएसयू हमारे देश का गौरव हैं और करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई से बने हैं. अपने सबसे अच्छे दोस्त की मदद करने के इरादे से मोदी सरकार ने जबरदस्ती एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अडानी समूह में निवेश किया है, जिससे पिछले कुछ दिनों में LIC के 39 करोड़ पॉलिसीधारकों और निवेशकों को 33,060 करोड़ का नुकसान हुआ है. भारतीय स्टेट बैंक और अन्य भारतीय बैंकों ने अडानी समूह को भारी मात्रा में ऋण दिया है और अडानी समूह पर भारतीय बैंकों का लगभग 80,000 करोड़ बकाया है.

कांग्रेस पार्टी कभी भी किसी खास भारतीय कॉर्पोरेट घराने के खिलाफ नहीं रही है. हम चुनिंदा अरबपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम बदलने के विचार के खिलाफ हैं. हम हमेशा गरीब और आम आदमी के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे. कांग्रेस पार्टी एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डालने के मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए संसद में लड़ रही है. कांग्रेस पार्टी ने इन सबके खिलाफ जमीनी स्तर पर आंदोलन करने का फैसला किया है.

सुप्रीम कोर्ट के CJI या एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के द्वारा हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर विस्तार से एक निष्पक्ष जांच करवाई जाए. वहीं LIC, SBI और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के अडानी समूह में किए गए जबर्दस्त निवेश पर संसद में निवेशकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए.

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