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सिसोदिया की गिरफ्तारी पर विपक्ष का PM मोदी को पत्र, कहा- केंद्रीय एजेंसियों और राज्यपाल का हो रहा गलत इस्तेमाल

मनीष सिसोदिया के समर्थन में आप समेत 9 विपक्षी दलों ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. वहीं उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि इस गिरफ्तारी से देश में गलत संकेत जा रहा है. 

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सिसोदिया की गिरफ्तारी पर विपक्ष का PM मोदी को पत्र, कहा- केंद्रीय एजेंसियों और राज्यपाल का हो रहा गलत इस्तेमाल
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Balram Pandey|Updated: Mar 05, 2023, 11:30 AM IST

नई दिल्ली: मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर 9 विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में लिखा है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी एक लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के लिए अच्छा संकेत नहीं है. इस पत्र को लिख अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे, केसीआर, भगवंत मान, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, शरद पवार, तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. वहीं पत्र में ED और सीबीआई जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग करने की निंदा करते हुए गवर्नर कार्यालय पर चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकारों के कार्य में दखल देने का आरोप लगाया है.

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बता दें कि दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में बीते रविवार मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था, जिस पर अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के 9 नेताओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. पीएम मोदी को संबोधित पत्र में कहा है कि इस कार्रवाई से लग रहा है कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं. वहीं सिसोदिया की गिरफ्तारी को जनीतिक साजिश का हिस्सा बताते हुए पत्र में लिखा है कि सिसोदिया पर लगे आरोप स्पष्ट रूप से निराधार हैं. वहीं इस कार्रवाई में एक साजिश की बू आ रही है. 

वहीं पत्र में आगे लिखा है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी से देशभर के लोगों में रोष है. दिल्ली के स्कूलों की हालत बदलने के लिए सिसोदिया को विश्व स्तर पर पहचाना जाता है. वहीं उन्होंने लिखा है कि सत्तावादी भाजपा शासन में भारत के लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में हैं. 

विपक्ष के पत्र में लिखा है कि सराकर राजनीतिक प्रतिशोध और लाभ के लिए केंद्रीय एजेंसियों और राज्यपाल जैसे संवैधानिक कार्यालयों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही हैं. वहीं उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से केंद्रीय एजेंसियों का जिस तरह से इस्तेमाल किया गया है, उनकी छवि धूमिल हुई है और अब लोग उनकी स्वायत्तता और निष्पक्षता पर सवाल उठाने लगे हैं, जिस कारण से अब लोगों का विश्वास एजेंसियों से कम होता जा रहा है. वहीं पत्र में चुनावी युद्ध के मैदान के बाहर स्कोर तय करने के लिए कड़ी निंदा है. वहीं पत्र में लिखा है कि यह हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.

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