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रोबोट से कराएं सीवर लाइन व हौद की सफाई, 2 महीने में 10 से ज्यादा लोगों की मौतः कुमारी सैलजा

सीवर लाइन या हौदी की सफाई के लिए रोबोट का प्रयोग अनिवार्य करना चाहिए. इस मामले पर कुमारी सैलजा ने बयान देते हुए कहा कि मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 के तहत एसटीपी या सीवर लाइन में किसी भी कर्मी को उतारे जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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रोबोट से कराएं सीवर लाइन व हौद की सफाई, 2 महीने में 10 से ज्यादा लोगों की मौतः कुमारी सैलजा
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Nikita Chauhan|Updated: Oct 07, 2022, 11:13 AM IST

विनोद लांबा/चंडीगढ़ः कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में एसटीपी व सीवर लाइन में कर्मियों के उतरने पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. अप्रैल से अब तक 20 से अधिक गरीब परिवारों के युवा सीवर लाइन या हौद में उतरने से अपनी जान गंवा चुके हैं. यह सब भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की मेहनतकश व कामगार विरोधी नीतियों के कारण हो रहा है.

प्रदेश सरकार को एसटीपी, सीवर लाइन आदि की सफाई के लिए रोबोट का प्रयोग अनिवार्य करना चाहिए, ताकि लोगों की जान जाने से बच सके. मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 के तहत एसटीपी या सीवर लाइन में किसी भी कर्मी को उतारे जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके बावजूद हर साल गरीब परिवारों से आने वाले कामगारों को इनमें उतर कर अपनी जान गंवानी पड़ रही है.

इससे पता चलता है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पूरी तरह से गरीब सफाई कर्मियों की विरोधी है. अप्रैल से अब तक एसटीपी, हौद व सीवर लाइन में उतरे 20 से अधिक लोगों की गैस की चपेट में आने से जान जा चुकी है. इसके बावजूद अभी तक प्रदेश सरकार गहरी नींद से नहीं जागी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को किसी भी एसटीपी, हौद व सीवर लाइन में सफाई कर्मियों के उतरने पर तुरंत प्रतिबंध लगाते हुए इनकी सफाई के तौर-तरीकों में बदलाव करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि एसटीपी व सीवर लाइन पर कार्यरत कर्मियों के लिए बनाए गए कानून को न तो सरकारी विभागों में लागू करवाया जा रहा है और न ही ठेकेदारों पर कानून मानने का दबाव बनाया जा रहा है. कुमारी सैलजा ने कहा कि आज रोबोट का युग है, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का जमाना है. इसके बावजूद सीवर व एसटीपी की सफाई में प्रदेश सरकार इनका प्रयोग नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि सीवर लाइनों की सैटेलाइट मैपिंग कराए और थ्री-डी तकनीक का सहारा लेते हुए इनकी सफाई कराए. इसके लिए अगर रोबोट खरीदने पड़ें तो खरीद ले, लेकिन लोगों की जान जाने से जरूर बचाए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सफाई कर्मियों को एसटीपी, हौद व सीवर लाइनों में उतारने के जिम्मेदार अफसरों, कंपनियों पर ठोस कार्रवाई न होने की वजह से भी उनके हौंसले बुलंद हैं और वे बार-बार नियमों की अवहेलना कर रहे हैं. फरीदाबाद के अस्पताल के सीवरेज टैंक में जान गंवाने वालों के परिवार बेहद गरीब हैं. इसलिए प्रदेश सरकार मानवीय आधार पर इनके एक-एक परिजन को सरकारी नौकरी दे व 50-50 लाख रुपये की सहायता राशि तुरंत प्रदान करे.

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