trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana01618825
Home >>Delhi-NCR-Haryana

Doctors Advice: सीजनल फ्लू की वजह से आ रहा है बुखार तो इस दवा को भूलकर भी न खाएं, डॉक्टरों ने दी सलाह

 Doctors Advice: अगर किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाता है और कोरोना वायरस की वजह से उसे ऑक्सीजन लगाने की जरूरत पड़ती है तो केवल 5 दिनों के लिए रेमडिसीविर दवा दी जा सकती है. 

Advertisement
Doctors Advice: सीजनल फ्लू की वजह से आ रहा है बुखार तो इस दवा को भूलकर भी न खाएं, डॉक्टरों ने दी सलाह
Stop
Pooja Makkar|Updated: Mar 20, 2023, 06:21 PM IST

नई दिल्ली: भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार देशभर में एक दिन में 1070 नए कोरोना मामले सामने आए हैं. 4 लोगों की मौत भी हुई है. हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि इस बार कुछ नए वैरिएंट की वजह से कोरोना बढ़ रहा है.

ये भी पढ़ें : Haryana: बल्लभगढ़ में कुत्तों ने 3 साल की मासूम को नोचा, जिंदगी-मौत के बीच झूल रही 'खुशी' 

इसके अलावा मार्च का मौसम सीजनल फ्लू का मौसम होता है. इसमें सभी तरह के वायरल बुखार बढ़ जाते हैं, लेकिन कोरोना वायरस से मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आ रही है. आईसीएमआर (ICMR) का मानना है कि कोरोना वायरस या साधारण फ्लू के मामलों में विशेष दवाओं की जरूरत नहीं होती. खासतौर पर एंटीबायोटिक दवाएं तो बिल्कुल भी न लें.

क्या करें जब मरीज ऑक्सीजन पर जाएं 
कैलाश अस्पताल नोएडा के सीनियर फिजीशियन डॉ ए के शुक्ला ने बताया कि अगर किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाता है और कोरोना वायरस की वजह से उसे ऑक्सीजन लगाने की जरूरत पड़ती है तो केवल 5 दिनों के लिए रेमडिसीविर दवा दी जा सकती है. इससे ज्यादा इस दवा का भी रोल नहीं है. 

अगर मरीज घर पर ही है 
ऐसे मरीज जो घर पर हैं, वह बुखार होने पर पैरासिटामोल ले सकते हैं. मास्क सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग अपना सकते हैं. किसी भी वायरल फ्लू में एंटीबायोटिक दवाओं का कोई रोल नहीं है. इसीलिए एंटीबायोटिक दवा बिल्कुल न लें. डॉक्टरों के मुताबिक कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक नहीं है और अस्पतालों में भर्ती मरीज न के बराबर हैं. इसीलिए घबराने की जरूरत नहीं है.

पिछले 24 घंटे का डाटा 
24 घंटे में कोरोना वायरस से केरल और कर्नाटक में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है और राजस्थान से दो मौतें दर्ज की गई हैं. Maharashtra से सबसे ज्यादा 144, गुजरात 85, केरल 41 और कर्नाटक में 39 केस और  दिल्ली से 19 और नोएडा में 7 केस दर्ज किए गए हैं. 

 

Read More
{}{}