Home >>Delhi-NCR-Haryana

Kanwar Yatra 2023: 24 वर्षों से मिसाल पेश कर रहा यामीन खान, कांवड़ यात्रियों को दे रहा एक्यूप्रेशर थेरेपी

नूंह की नई अनाज मंडी में शिव कावड़ सेवा समिति की तरफ से कावड़ लेकर आ रहे शिव भक्तों के आराम के लिए कैंप लगाया गया है, जिसमें हरिद्वार, गंगोत्री से शिवभक्त कावड़ लेकर राजस्थान के लिए जा रहे हैं. इस कैंप में शिव भक्तों की सेवा मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाला यामीन खान कर रहे हैं. 

Advertisement
Kanwar Yatra 2023: 24 वर्षों से मिसाल पेश कर रहा यामीन खान, कांवड़ यात्रियों को दे रहा एक्यूप्रेशर थेरेपी
Stop
Zee Media Bureau|Updated: Jul 13, 2023, 10:59 AM IST

Sawan 2023: सावन का महीना शुरू हो चकुा है. भगवान भोलेनाथ के पूजा-पाठ वाला ये महीना लोक आस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. सावन के महीने में श्रद्धालु कई जगहों पर कांवड़ लेकर जाते हैं. ऐसे में कावड़ यात्री काफी वजन के साथ दूर-दूर तक की यात्रा करते हैं. इस वजह से कई दफा उन्हें काफी थकान भी हो जाती है. ऐसे में कांवड़ यात्रियों की थकान को दूर करने का जिम्मा नूंह के रहने वाले यामीन खान ने उठाया है. वे एक्यूप्रेशर की मदद से कांवड़ यात्रियों की थकान को दूर कर रहे हैं. 

ये भी पढ़ें: India vs West Indies: 12 साल बाद Windsor Park में भिड़ेगा भारत, क्या यशस्वी दिखाएंगे अपना 'यश'? 

मुस्लिम युवक कर रहा शिव भक्तों की सेवा
नूंह की नई अनाज मंडी में शिव कावड़ सेवा समिति की तरफ से कावड़ लेकर आ रहे शिव भक्तों के आराम के लिए कैंप लगाया गया है, जिसमें हरिद्वार, गंगोत्री से शिवभक्त कावड़ लेकर राजस्थान के लिए जा रहे हैं. इस कैंप में शिव भक्तों की सेवा मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाला यामीन खान कर रहे हैं. पिछले 24 वर्षों से यामीन कावड़ लाने वाले हर शिव भक्तों की एक्यूप्रेशर थेरेपी के द्वारा सेवा कर रहा है. क्योंकि गंगोत्री, हरिद्वार से कावड़ लाने वाले भोले के भक्तों के पैरों में खिंचाव पड़ जाता है, जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कत होती है. ऐसे में इन भक्तों को यामीन अपनी थेरेपी के द्वारा सही करते हैं. 

काफी एनर्जी मिलती है
भोले के भक्तों की सेवा कर रहे यामीन ने कहा कि उन्हें इस काम को करने से काफी एनर्जी मिलती है. साथ ही उन्हें काफी खुशी होती है कि वह भोले के भक्तों की सेवा कर रहे हैं. यामीन ने कहा कि वे पहले स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थे. तब उनकी ड्यूटी शिव भक्तों की सेवा में लगाई जाती थी, लेकिन अब वह सेवा मुक्त हैं. इसके बावजूद अब वह हर वर्ष श्रावण के महीने में लगने वाले इस शिविर में आकर शिव भक्तों की सेवा कर रहे हैं. 

शिवभक्तों ने की तारीफ
वहीं थेरेपी लेने वाले शिव भक्तों का भी कहना है कि उन्हें उनकी थेरेपी लेने के बाद उन्हें काफी आराम मिलता है शिव भक्तों ने कहा कि यामीन एक मुस्लिम समाज से आते हैं फिर भी वह शिव भक्तों की सेवा कर रहे हैं. ऐसा देखना काफी अच्छा लगा. वह चाहते हैं कि हर व्यक्ति एक दूसरे के समाज के लोगों के काम आए ताकि समाज में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल दी जा सके. आपको बता दें कि यामीन खान को कई बार इस कार्य करने के सम्मानित भी किया जा चुका है.

इनपुट- अनिल मोहनिया

{}{}