trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana01541329
Home >>Delhi-NCR-Haryana

100 Days To Beat Plastic अभियान के तहत लगाई गई रीसाइक्लिंग मशीन

'100 Days To Beat Plastic' अभियान के एक भाग के रूप में दिल्ली नगर निगम ने आज दिल्ली नगर निगम मुख्यालय  ए-ब्लॉक  सिविक सेंटर में पीईटी बोतलों को क्रश और पुनर्चक्रण करने वाली मशीन स्थापित की है. 

Advertisement
100 Days To Beat Plastic अभियान के तहत लगाई गई रीसाइक्लिंग मशीन
Stop
Updated: Jan 23, 2023, 09:26 PM IST

नई दिल्ली: हाल ही में शुरू किए गए '100 Days To Beat Plastic' अभियान के एक भाग के रूप में दिल्ली नगर निगम ने आज दिल्ली नगर निगम मुख्यालय  ए-ब्लॉक  सिविक सेंटर में पीईटी बोतलों को क्रश और पुनर्चक्रण करने वाली मशीन स्थापित की है. उल्लेखनीय है कि ''100 डेज टू बीट प्लास्टिक'' अभियान एक अनूठा अभियान है, जिसे दिल्ली नगर निगम ने स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ शहर को ''प्लास्टिक मुक्त'' बनाने के लिए शुरू किया है. निगम आयुक्त श्री ज्ञानेश भारती ने मशीन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर अपर आयुक्त सुश्री साक्षी मित्तल, उपायुक्त सुश्री अंकिता मिश्रा, सुश्री शशांका आला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

ये भी पढ़ेंः CM हुड्डा ने BJP पर साधा निशाना कहा- किसान विरोधी है सरकार

 

प्रति घंटे 250 से 300 बोतलें कर सकती है क्रश
मशीन को सीएसआर पहल के तहत कोका कोला इंडिया लिमिटेड के सहयोग से बायोक्रूक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है. पीईटी बॉटल क्रशिंग और रिसाइकिलिंग मशीन बोतलों और स्टोर को क्रश करती है, जिसे फिर बायोक्रूक्स द्वारा एकत्र किया जाता है और इसे फाइबर बनाने के लिए भेजा जाता है. प्रत्येक मशीन में प्रति घंटे 250-300 बोतलें क्रश करने की क्षमता होती हैं. मशीन विभिन्न आकारों की 700 पीईटी बोतलों तक स्टोर कर सकती है. उपयोगकर्ताओं को पीईटी बोतलों से ग्रीन पॉइंट्स मिलते हैं. इनसे टी शर्ट, कैप्स और बैग जैसी चीजें बन सकती हैं. पीईटी बोतलों से बने उत्पादों के खिलाफ संचित और भुनाया जा सकता है. इसके लिए यूजर्स को ग्रीन प्वाइंट रिडीम करने के लिए वेबसाइट लिंक वाला एसएमएस मिलता है.

और लग सकती हैं ऐसी 20 मशीनें
बायोक्रूक्स के साथ दिल्ली नगर निगम ने करोल बाग जोन के अजमल खान रोड में 5 मशीनें लगाई हैं. कॉर्पोरेशन प्रमुख जी20 स्थानों पर ऐसी 20 और मशीनें लगाने की योजना बना रहा है जहां बड़े पैमाने पर बोतलों की खपत होती है. जानकारों की मानें तो इन मशीनों के इस्तेमाल से शहर से प्लास्टिक प्रदुषण को खत्म किया जा सकता है. इनके पुनर्चक्रण से दिल्ली की सड़कों को बोतलों से मुक्त किया जा सकता है. देखने वाली बात होगी कि '100 Days To Beat Plastic'अभियान से शहर में प्रदुषण की मात्रा को कितना खत्म किया जा सकता है. 

 

 

 

Read More
{}{}