Randeep Surjewala: एक ओर हरियाणा सरकार राज्य के युवाओं को बिना पर्ची-बिना खर्ची नौकरी देने का दावा करती है. वहीं दूसरी ओर सोमवार को कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा में CET में 41 सवाल रिपीट होने पर राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि एग्जाम के दो अलग-अलग पेपर में 41 सवाल रिपीट किए गए. मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के युवाओं के भविष्य पर बुलडोजर फेर दिया है. ऐसा कर उन्होंने अपने चहेतों को बता दिया गया रविवार का पेपर सोमवार को रिपीट आएगा.
चहेतों के लिए की गई खुली हेराफेरी
सुरजेवाला ने कहा कि पहले से ही अटक रहे CET पेपर को हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले के बाद करवाया गया था. कांग्रेस नेता ने अब इसे राज्य में एक और बड़ा घोटाला बताते हुए एग्जाम को रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि CET के जंजाल ने युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर दी है. 6 और 7 अगस्त के पेपर में 100 में से 41 सवाल कॉमन पाए गए. यानी चहेतों के लिए खुली हेराफेरी और गुणी युवाओं की जिंदगी बर्बाद.
'मनोहर जाल' से बच्चों की जिंदगी बदहाल
हरियाणा सरकार व उसके हेराफेरी सांठगांठ सर्विस कमीशन (HSSC) के रोज बदलते तुगलकी फरमान व मनमर्जी की दुकान ने हरियाणा के नौजवानों की जिंदगी को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है. CET परीक्षा के चार साल से चल रहे खेल के 'मनोहर जाल” ने हरियाणा के बच्चों की जिंदगी को बदहाल बना दिया है.
सीएम- डिप्टी सीएम इसके जिम्मेदार
हरियाणा के युवाओं से आए दिन नौकरी के नाम पर हो रहे मजाक ने युवाओं की रोजगार पाने की हर उम्मीद को धराशायी कर दिया है. इसके लिए सीधे-सीधे सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जिम्मेदार हैं. 4 अगस्त को भी हाईकोर्ट ने CET का रिवाइज्ड रिजल्ट खारिज कर दिया. नतीजा यह था कि ग्रुप 56 और ग्रुप 57 के लिए विज्ञापन व सभी नौकरियों का पेपर अपने आप टल गया. इसके बावजूद आनन-फानन में सरकार ने हाईकोर्ट के दो जजों की खंडपीठ से पेपर करवाने की इजाजत ले ली. ग्रुप 57 का लिखित एग्जाम 6 अगस्त को हुआ. ग्रुप 56 की परीक्षा आज 7 अगस्त को हुई.
अपने चहेतों के लिए किया घोटाला
सुरजेवाला ने ग्रुप 57 के पेपर की प्रतिलिपि संलग्नक A1, जबकि ग्रुप 56 के पेपर की प्रतिलिपि संलग्नक A2 भी उपलब्ध कराई. उन्होंने कहा कि दोनों पेपर (6 व 7 अगस्त) में 100 में से 41 सवाल, एक जैसे आए. इन सवालों की एक कंपरेटिव लिस्ट संलग्नक A3 है. जब दोनों पेपर में 41 सवाल कॉमन हैं तो मतलब साफ है कि सरकार व HSSC ने अपने चहेतों को पहले से ही सूचित कर दिया ताकि भर्ती प्रक्रिया में घोटाला किया जा सके.
दोनों पेपर का लेवल अला था तो प्रश्न एक जैसे क्यों?
सुरजेवाला ने सवाल किया कि वैसे भी ग्रुप 57 में पेपर का लेवल 12वीं कक्षा का था, जबकि ग्रुप 56 में ग्रेजुएशन बेस्ड पेपर था तो ऐसे में दोनों पेपर का स्तर एक तरह का कैसे हो सकता है. यह सीधे-सीधे हेराफेरी नहीं तो क्या है? उन्होंने कहा कि सरकार को अब झोला उठाकर चलता करने का समय आ गया है.
कांग्रेस के रखीं मांग
1. ग्रुप 57 व ग्रुप 56 के 6 और 7 अगस्त को हुए दोनों पेपर को रद्द किया जाए.
2. पेपर सेट करने वाले एग्जामिनर तथा एजेंसी को न केवल ब्लैकलिस्ट किया जाए, बल्कि उन पर एफआईआर दर्ज की जाए.
3. HSSC को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाए. उसके चेयरमैन और सदस्यों पर इस नौकरी घोटाले में एफआईआर दर्ज करवाई जाए.
4. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका को देखते हुए इसकी न्यायिक जांच करवाई जाए.
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