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Raghav Chadha News: सरकारी आवास, राज्यसभा से निकाल सकते हैं पर लोगों के दिलों से नहीं- राघव चड्ढा

Raghav Chadha Bungalow Allocation: कोर्ट से आप नेता राघव चड्ढा ने सरकारी आवास मामले में राहत मिलने के बाद एक वीडियो शेयर की. उन्होंने कहा कि मुझे मेरे आधिकारिक आवास से हटा सकते हैं, वो मुझे संसद से हटा सकते हैं, लेकिन वो मुझे लाखों भारतीयों के दिल से नहीं हटा सकते, जहां मैं वास्तव में निवास करता हूं.

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Raghav Chadha News: सरकारी आवास, राज्यसभा से निकाल सकते हैं पर लोगों के दिलों से नहीं- राघव चड्ढा
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Balram Pandey|Updated: Oct 17, 2023, 09:43 PM IST

Raghav Chadha News: ये मकान या दुकान की नहीं, संविधान को बचाने की लड़ाई है. सत्य और न्याय की जीत हुई. मेरे खिलाफ पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने के माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूं. कोर्ट से आप नेता राघव चड्ढा ने सरकारी आवास मामले में राहत मिलने के बाद एक वीडियो शेयर की है.

राघव चड्ढा ने कहा कि मेरे आवास के आवंटन को रद्द करना साफ तौर पर राजनीति प्रतिशोध का मामला था. इसके पीछे मकसद एक युवा और मुखर सांसद की आवाज को दबाना था. मेरे आधिकारिक आवास को रद्द करने का निर्णय पूरी तरह से मनमाना, अनुचित और अन्यायपूर्ण था, जो राजनीतिक बदले की भावना को दर्शाता है. भारतीय लोकतंत्र के 70 साल के इतिहास में यह घटना पहली बार हुई है कि जब राज्यसभा के एक सदस्य को सरकार से सवाल पूछने और जवाबदेह बनाने पर इस हद तक उत्पीड़न और प्रताणना का शिकार होना पड़ा. मेरे सरकारी आवास का आवंटन रद्द करना न सिर्फ दुर्भावानापूर्ण इरादे से प्रेरित था, बल्कि इसमें तय नियमों का भी गंभीर रूप से उल्लंघन किया गया था.

उन्होंने कहा कि संसद सदस्य को आवास प्राप्त करने का अधिकार है. इसी के तहत मुझे भी आवास आवंटित किया गया. मुझे जो आवास दिया गया है, उसी तरह का आवास पहली बार सांसद बने मेरे कई साथियों को भी मिला है, जिसमें कुछ मेरे पड़ोसी भी हैं.

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आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि लाखों भारतीयों की चिंताओं का प्रतिनिधित्व विपक्ष की आवाजें करती हैं, जिन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है. अब तक मैंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जवाबदेह ठहराते हुए संसद में दो भाषण दिए हैं. मेरे पहले भाषण के बाद, मेरा आधिकारिक आवास रद्द कर दिया गया. मेरे दूसरे भाषण के बाद मुझे राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. कोई भी सांसद तभी जनता की आवाज बन सकता है और जनता की आवाज को संसद के अंदर मुखर तौर पर उठा सकता है, जब उसे यह चिंता न सताए कि उसके मुखर, ईमानदार और कठिन सवालों की कीमत उसे नहीं चुकानी पड़ेगी. साथ ही कहा कि मैं डरता नहीं हूं और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को बनाए रखने और सरकार को उसके कुकर्मों के लिए जवाबदेह ठहराने की कोई कीमत और बलिदान चुकाने के लिए सदा तैयार हूं.

उन्होंने कहा कि जहां तक राज्यसभा से निलंबन का मुद्दा है तो इस पर सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर मेरे निलंबन पर जवाब मांगा है. क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है. इस कारण मैं इस संबंध में और कुछ नहीं बोलना चाहता. राघव ने आखिर में कहा कि मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि वो मुझे मेरे आधिकारिक आवास से हटा सकते हैं, वो मुझे संसद से हटा सकते हैं, लेकिन वो मुझे लाखों भारतीयों के दिल से नहीं हटा सकते, जहां मैं वास्तव में निवास करता हूं.

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