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Pitru Paksha 2022: इन 12 तरीकों से श्राद्ध कर पा सकते हैं पूर्वजों का आशीर्वाद, जानें क्या हैं नियम

मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से पितरों की कृपा प्राप्त होती है. मत्स्य पुराण के अनुसार पितृ पक्ष में होने वाले श्राद्ध के 12 प्रकार बताए गए हैं. 

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Pitru Paksha 2022: इन 12 तरीकों से श्राद्ध कर पा सकते हैं पूर्वजों का आशीर्वाद, जानें क्या हैं नियम
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Zee Media Bureau|Updated: Sep 11, 2022, 09:52 AM IST

Pitru Paksha 2022: हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा से  पितृपक्ष की शुरुआत होती है, जो अमावस्या तक 15 दिन चलते हैं. इस दौरान पूर्वजों को याद करते हुए श्राद्ध किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं. इस साल 10 सितंबर से पितृपक्ष सुरू हो गए हैं और इसकी समाप्ति 25 सितंबर को होगी. 

पितृ पक्ष में तर्पण से मिलते हैं ये लाभ 
मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध और तर्पण के द्वारा जो पिंडदान, अन्न और जल दिया जाता है उसे पितृ ग्रहण करते हैं. ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख शांति का वास होता है. 

मत्स्य पुराण के अनुसार पितृ पक्ष में होने वाले श्राद्ध के 12 प्रकार बताए गए हैं. 

1. नित्य श्राद्ध
नित्य श्राद्ध को अर्घ्य और आह्वान के बिना एक निश्चित समय पर ही किया जाता है. 

2. नैमित्तिक श्राद्ध
नैमित्तिक श्राद्ध मुख्य रूप से देवताओं के लिए किया जाने वाला श्राद्ध है, यह श्राद्ध साल में एक बार किया जाता है. 

3. काम्य श्राद्ध
स्वर्ग, मोक्ष और संतान जैसी किसी कामना के साथ किए जाने वाले श्राद्ध को काम्य श्राद्ध कहते हैं. 

4. नान्दी श्राद्ध
किसी मांगलिक अवसर पर किए जाने वाले विशेष श्राद्ध को नान्दी श्राद्ध कहते हैं. 

5. पार्वण श्राद्ध
पितृपक्ष में अमावस्या या किसी विशेष तिथि में किए जाने वाले श्राद्ध को पार्वण श्राद्ध कहते हैं. 

6. सपिण्डन श्राद्ध
सपिण्डन श्राद्ध त्रिवार्षिक श्राद्ध को कहते हैं. 

7. गोष्ठी श्राद्ध
परिवार या एक जाति विशेष के समूह में किए जाने वाले श्राद्ध को गोष्ठी श्राद्ध कहते हैं. 

8. शुध्दयर्थ श्राद्ध
परिवार की शुद्धता की कामना से किए जाने वाले श्राद्ध को शुध्दयर्थ श्राद्ध कहते हैं. 

9. कर्मांग श्राद्ध 
षोडष संस्कारों के निमित्त किए जाने वाले श्राद्ध को कर्मांग श्राद्ध कहते हैं.

10. दैविक श्राद्ध 
देवताओं के निमित्त किए जाने वाले श्राद्ध को दैविक श्राद्ध कहते हैं. 

11. यात्रार्थ श्राद्ध
तीर्थ स्थानों में किए जाने वाले श्राद्ध को यात्रार्थ श्राद्ध कहते हैं. 

12. पुष्टयर्थ श्राद्ध
अपने और अपने परिवार की सुख शांति के लिए किया गया श्राद्ध पुष्टयर्थ श्राद्ध कहलाता है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और विभिन्न लेखों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

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