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पंचकूला में नदी में बहने से 17 साल के छात्र की मौत, जिम्मेदार कौन- प्रशासन या सरकार?

हरियाणा में नदीं पार करने के लिए सड़क न होने के चलते 17 साल के छात्र की मौत हो गई. छात्र अपने दादा-दादी के पास रहकर पढ़ रहा था और छुट्टियों में अपने माता-पिता के घर जाता था. माता-पिता के पास जाते समय नदी में बहने से उसकी मौत हो गई.

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घटनास्थल पर मौजूद परिजन और प्रशासन
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Abhinav Tomer|Updated: Jul 31, 2022, 05:36 PM IST

दिव्या राणा/पंचकूला: हरियाणा की मनोहर सरकार प्रदेश के चौतरफा विकास के लिए प्रयासरत है. राज्य के कई जिलों में विकास से जुड़ी परियोजनाएं परवान चढ़ रही हैं, लेकिन इस बीच प्रदेश का कुछ हिस्सा ऐसा भी है जहां के लोग या तो प्रशासन की लापरवाही या फिर सरकार द्वारा सुध न लेने की वजह से सड़क जैसी अतिआवश्यक सुविधाओं से महरूम हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां पंचकूला के मोरनी इलाके में नदीं में बहने के कारण एक 17 साल के छात्र की मौत हो गई. 

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बता दें कि पंचकूला के मोरनी इलाके में नदी में बहने से 17 साल के छात्र की मौत हो गई. इसकी सूचना मिलते ही घर में मातम पसरा गया. जानकारी के अनुसार 17 वर्षीय ललित 12वीं कक्षा का होनहार छात्र था, जो कि मोरनी में अपने दादा-दादी के पास रहकर पढ़ता था. वहीं छुट्टियां होने पर अपने माता-पिता के पास गांव आ जाता था. शुक्रवार के बाद 2 दिन की छुट्टी थी जिसके चलते शुक्रवार शाम वह अपने माता पिता के पास आने के लिए मोरनी से निकला, लेकिन बरसात के चलते नदी में जलस्तर बढ़ गया और नदी में बहने से उसकी मौत हो गई.

वहीं जब देर रात तक ललित अपने माता-पिता के पास नहीं पहुंचा तो उनको लगा कि वो अपने दादा-दादी के पास मोरनी में ही रुक गया है. इसके बाद परिजनों ने ललित के दादा-दादी से संपर्क साधा तो उन्होंने बताया कि वह तो शनिवार शाम को चला गया था. इसके बाद परिजनों ने उसकी हर जगह खोजबीन की, लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं चला. 

आज सुबह यानी रविवार उसकी मोरनी इलाके में नदी में पत्थर के ऊपर लाश मिली. इसकी सूचना मिलते ही परिजन और पुलिस मौके पर पहुंचे. इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचकूला सेक्टर 6 के नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया.

घटना को लिकर सरपंच हेमराज और छात्र के परिजनों ने कहा कि आज भी मोरनी इलाके के आधा दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां पर जाने के लिए रास्ता नहीं है. बरसात के मौसम में जान हथेली पर लेकर नदी में से होकर जाना पड़ता है, लेकिन न तो सरकार और न ही स्थानीय प्रशासन इलाके की सुध ले रहा है. इनकी लापरवाही का खामियाजा इस 17 साल के होनहार छात्र ललित को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा.

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