Mauni Amavasya 2023: हिंदू धर्म में माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है, इसे मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन गंगा नदी में स्नान और दान-पुण्य का काफी महत्व होता है. इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी शनिवार को मनाई जाएगी.
मौनी अमावस्या- 21 जनवरी
अमावस्या तिथि प्रारम्भ- शनिवार 21 जनवरी सुबह 06 बजकर 17 मिनट से.
अमावस्या तिथि समाप्त- रविवार 22 जनवरी रात 02 बजकर 22 मिनट पर.
शुभ योग- सुबह 06 बजकर 30 मिनट से 07 बजकर 14 मिनट तक.
मौनी अमावस्या का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को ऋषि मनु का जन्म हुआ था. मनु के जन्म से ही अमावस्या को 'मौनी' नाम दिया गया. मौनी अमवस्या के दिन प्रयागराज, काशी, कन्याकुमारी और रामेश्वरम जैसे पवित्र तीर्थ स्थलों में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है.
शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या पर प्रयागराज के संगम पर देवता और पितर दोनों का संगम होता है. इस दिन गंगा का जल अमृत में बदल जाता है. जो भी लोग मौनी अमावस्या के दिन गंगा में मौन धारण कर स्नान, दान और पूजन करते हैं, उनके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
श्राद्ध और तर्पण का भी है महत्व
ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता और पितर दोनों संगम में स्नान करते हैं, जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष है वो इस दिन दोष से मुक्ति के लिए श्राद्ध और तर्पण भी कर सकते हैं.
मौनी अमावस्या पर क्या करें
मौनी अमावस्या के दिन सुबह से शाम तक मौन व्रत का पालन करें और अगले दिन सुबह उठकर व्रत का पारण करें. व्रत के दौरान गंगा नदी में स्नान करें. इस दिन जरूरतमंद लोगों को तिल और गुड़ दान करने का भी विशेष महत्व माना जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.