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EWS कोटे के तहत छात्रों को एडमिशन न देना स्कूल को पड़ा भारी, रद्द हुई मान्यता

दिल्ली सरकार ने दिल्ली विधानसभा की अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण समिति की सिफारिश पर न्यू राजेंद्र नगर स्थित जेडी टाइटलर स्कूल की मान्यता वापस ले ली है. जेडी टाइटलर स्कूल ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे के तहत छात्रों का एडमिशन नहीं लेने और मुफ्त स्टेशनरी नहीं दी थी. इस कारण इसकी मान्यता रद्द कर दी.

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EWS कोटे के तहत छात्रों को एडमिशन न देना स्कूल को पड़ा भारी, रद्द हुई मान्यता
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Abhinav Tomer|Updated: Aug 25, 2022, 10:23 AM IST

नई दिल्‍ली: केजरीवाल सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे के तहत छात्रों को दाखिला न देने का मामले में जेडी टाइटलर स्कूल की मान्यता वापस ले ली है. दिल्ली विधानसभा की अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण समिति की सिफारिश पर दिल्ली सरकार ने न्यू राजेंद्र नगर स्थित जेडी टाइटलर स्कूल की मान्यता वापस ले ली है. बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे के तहत छात्रों का एडमिशन नहीं लेने और मुफ्त स्टेशनरी नहीं देने पर केजरीवाल सरकार ने यह फैसला लिया. शिक्षा विभाग का यह आदेश एक अप्रैल 2023 से प्रभावी माना जाएगा. इसके बाद स्कूल किसी भी कक्षा में नए बच्चों का एडमिशन नहीं ले सकेगा.

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विभाग के आदेश का कर रहा था उल्लंघन
एससी-एसटी कल्याण समिति के चेयरमैन और विधायक विशेष रवि ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सभी बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा देने करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल ने साफ निर्देश दिया है कि EWS बच्चों को नियमानुसार एडमिशन और स्टेशनरी दी जाए. समिति ने शिक्षा विभाग से सिफारिश की थी कि सरकार की तरफ से जारी नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. उसी के अंतर्गत स्कूल की मान्यता वापस ली गई है. उन्होंने बताया कि 16 जुलाई 2022 को जारी आदेश के अनुसार बच्चों को फ्री और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है, लेकिन जेडी टाइटलर स्कूल में इस आदेश का उल्लंघन हो रहा था. 

शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल को निर्देश दिया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 से किसी भी कक्षा में नए छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाए. डीओई ने ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत छात्रों को दाखिला देने से इनकार करने वाले निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. यह भी निर्देश दिया है कि स्कूल के कर्मचारियों के वेतन और बकाया का भुगतान तब तक किया जाए, जब तक स्कूल चालू रहे.

समिति के चेयरमैन विशेष रवि ने कहा कि इससे पहले समिति की सिफारिश पर शिक्षा विभाग ने EWS कोटे के तहत छात्रों का प्रवेश लेने से मना करने वाले निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. नोटिस के बाद भी कुछ निजी स्कूलों ने EWS छात्रों का एडमिशन नहीं लिया. उन्हें स्टेशनरी भी नहीं दी है. इसलिए समिति ने शिक्षा विभाग से ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत मिलने पर मान्यता वापस लेने और FIR दर्ज करने को कहा था.

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