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Kedarnath flood: बेटा बोला मां मैं फोन करूंगा उठा लेना और फिर हो गया लापता

Kedarnath Cloud burst: केदारनाथ के पैदल मार्ग पर बादल फटने की वजह गाजियाबाद के 4 युवक लापता हो गए हैं. लापता युवक ने शाम को आखिरी बार मां से बात करके हुए कहा था कि मां इतंजार करना मैं थोड़ी देर बाद फोन करूंगा. मां सारी रात बेटे के फोन का इंतजार करती रही और अगली सुबह उसे हादसे की खबर मिली. 

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Kedarnath flood: बेटा बोला मां मैं फोन करूंगा उठा लेना और फिर हो गया लापता
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PIYUSH|Updated: Aug 02, 2024, 10:49 AM IST

Ghaziabad News: उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश ने तबाही मचा दी है. केदारनाथ के पैदल मार्ग पर बादल फटने से कई तार्थयात्रा वहां फंस गए हैं. वहीं गाजियाबाद के 4 युवक भी बादल फटने के बाद से लापता हैं. दरअसल, गाजियाबाद से 5 दोस्त केदारनाथ यात्रा पर गए थे, जिसमें से 4 लोग बादल फटने के बाद से लापता हैं. वहीं एक युवक को रेस्क्यू किया गया है, जिसने हादसे की जानकारी दी.

गाजियाबाद के खोड़ा इलाके में रहने वाले 5 युवक केदारनाथ यात्रा के लिए गए थे, बादल फटने की घटना के बाद उनमें से 4 युवक लापता हैं. एक युवक को बचाव टीम द्वारा रेस्क्यू किया गया है, जिसने लापता हुए युवकों के परिवार को घटना की सूचना दी. युवकों के लापता होने की खबर मिलने के बाद से उनका परिवार किसी अनहोनी की आशंका से डरा हुआ है. 

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मिली जानकारी के अनुसार लापता चार युवको में सुमित शुक्ला, कृष्णा पटेल,मन्नू,चिराग का अभी कोई सुराग नहीं मिला है. लापता युवक सुमित के माता पिता के अनुसार उन्हें लापता हुए उनके बेटे के साथ गए एक युवक सचिन ने घटना की जानकारी दी है. सचिन ने बताया कि चारों युवक बादल फटने के बाद तेज बहाव में बह गए. सूचना देने वाले सचिन को सुबह बचाव टीम द्वारा रेस्क्यू किया गया जिसके बाद उसने फोन पर इस बात की जानकारी दी.

सुमित के परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बेटा और उसके साथ चार अन्य दोस्त हरिद्वार से जल लाने की बात कह कर गए थे. इसके बाद बेटे ने बाद में फोन करके उन्हें बताया कि वह केदारनाथ जा रहे हैं और उन्होंने कार को पार्किंग में खड़ा किया है. सुमित ने जब आखिरी बार अपने मां को फोन किया था तो उसने बताया कि वह केदारनाथ से 7 किलोमीटर की दूरी पर है और पैदल चढ़ाई कर रहे हैं. इस दौरान उसने मां को इंतजार करने के लिए कहा था कि वो थोड़ी देर बाद उन्हें फोन करेगा. मां सारी रात बेटे के फोन का इंतजार करती रही, लेकिन फोन नहीं आया. इसके बाद सुबह बेटे के साथ गए दोस्त सचिन ने इस हादसे की सूचना थी. सचिन को वहां काम करने वाले खच्चर वाले व्यक्ति ने हाथ पकड़कर बचा लिया, जिसके बाद  रेस्क्यू टीम ने उसे सुबह मैदान में पहुंचाया.

 

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