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यमुनानगर के जसप्रीत सिंह ने देश का नाम किया रोशन, वेटलिफ्टिंग में जीते 2 गोल्ड

जसप्रीत सिंह ने दुबई में हुई दो दिवसीय इंटरनेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में 2 गोल्ड मेडल जीते हैं. दुबई से लौटकर ZEE MEDIA से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनके पिता ने 2 कनाल जमीन बेचकर उनकी गेम को जारी रखा.

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यमुनानगर के जसप्रीत सिंह ने देश का नाम किया रोशन, वेटलिफ्टिंग में जीते 2 गोल्ड
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Zee News Desk|Updated: Jun 29, 2022, 05:39 PM IST

कुलवंत सिंह/यमुनानगर: यमुनानगर के ऊंचा चंदना गांव का 25 वर्षीय जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी जिसने अपने गांव से लेकर हरियाणा प्रदेश और पूरे देश का नाम दुबई में चमकाया है. दुबई में हुई दो दिवसीय इंटरनेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में जस्सी ने 250 और 140 किलोभार उठाकर 2 गोल्ड जीते हैं. 11 और 12 जून को यह प्रतियोगिता हुई थी. गोल्ड मेडल जीतने के बाद जस्सी ने दुबई से लौटकर ZEE MEDIA को यह जानकारी दी.

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जस्सी के अनुसार प्रतियोगिता में 6 देश भारत, अमेरिका, रसिया, दुबई, साउथ अफ्रीका और कनाडा के कुल 65 खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिनमें 32 खिलाड़ी भारत से थे, लेकिन सभी अलग-अलग कैटेगरी में भाग लेने पहुंचे थे. जस्सी ने बताया कि 9 और 10 जून को दुबई में पावर लिफ्टिंग में भाग लेने के लिए गया था. 100 प्रतिशत रॉ वर्ल्ड पावर लिफ्टिंग फेडरेशन के द्वारा दुबई के बरदुबई में यह प्रतियोगिता हुई थी. बैंच प्रेस में 140 किलो और डैड लिफ्ट में 250 किलो वजन उठाकर उन्होंने अपने देश का नाम ऊंचा कर दिया. जस्सी इसका श्रेय अपने परिवार अपने दोस्तों और रिश्तेदारों और ग्रामीणों को दे रहे हैं. 

जस्सी यह मुकाम हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर अपने गांव पहुंचे. जस्सी के मुताबिक उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और जब वह 15 से 16 साल के थे तो उनके भाई ने उन्हें पावरलिफ्टिंग के लिए प्रेरित किया. छह फीट 3 इंच की लंबाई के जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी ने बताया पावर लिफ्टिंग में बड़े भाई गुरमीत सिंह के कहने पर आया है. उसका भाई उसकी कद और शरीर को देखकर अकसर कहता रहता था कि वह भी पावर लिफ्टिंग में भाग ले, किंतु जस्सी इसे करने से मना कर देता था. इसके बाद उसने जिले स्तर पहली बार भाग लिया तो गोल्ड जीता, जिससे उसका उत्साह बढ़ गया और फिर पीछे मूड़ कर नहीं देखा. उसके बाद स्टेट लेवल फिर नेशनल लेवल और अब इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड जीतकर लाए हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता ने 2 कनाल जमीन बेचकर उनकी गेम को जारी रखा.

पिता सरदार सुरेंद्र सिंह और मां गुरप्रीत कौर ने बताया कि जस्सी ने अपनी मेहनत के बल पर यह गोल्ड मेडल जीता है. बेटे ने जो मुकाम पाया है, उससे वे काफी खुश हैं. वहीं उनकी पत्नी उनकी जीत से बेहद खुश हैं, लेकिन वे सरकार से जसप्रीत की नौकरी के लिए आह्वान कर रही हैं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक हो सके और जसप्रीत अपनी गेम भी जारी रख सकें. अब वह जुलाई में अमेरिका में होने वाली इसी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जाएंगे, जिसकी तारीख अभी निर्धारित नहीं हो पाई है.

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