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ट्रेन के स्लीपर कोच में वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे देगा ये सुविधा, इनके माध्यम से यात्रा होगी आसान

भारतीय रेलवे वरिष्ठ नागरिकों की सीनियर सिटीजन कोटे की सुविधा को दोबारा से बहाल करने के लिए विचार कर रहा है. कोरोना महामारी के बाद से ये सुविधा बंद कर दी गई थी. हालात सामान्य होते देख इस सुविधा को शुरू किया जा सकता है.

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ट्रेन के स्लीपर कोच में वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे देगा ये सुविधा, इनके माध्यम से यात्रा होगी आसान
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Abhinav Tomer|Updated: Aug 18, 2022, 10:21 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे सीनियर सिटीजन ( Senior Citizen) और खिलाड़ियों समेत दूसरे कैटगरी के यात्रियों को रियायती टिकट (Concession Ticket) की सेवा फिर से शुरू करने जा रही है. इन सेवाओं को मार्च 2020 में कोरोना महामारी के दौरान बंद कर दी थी.  इसके बाद महामारी कम होने के बाद भी इन रियायतों को बहाल नहीं किया गया, जिसके चलते रेलवे को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. इसके बाद रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें बहाल करने पर विचार कर रहा है. 

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भारतीय रेलवे इसके नियम और शर्तें जैसे आयु मानदंड में बदलाव कर सकती है. सीनियर सिटीजन की आयु 70 वर्ष से ऊपर के लोगों को ही सरकार रियायती किराये की सुविधा मुहैया कराए जो कि पहले 58 वर्ष की महिलाओं और 60 वर्ष के पुरुषों के लिए थी. इसके पीछे मुख्य कारण बुजुर्गों के लिए सब्सिडी बरकरार रखते हुए इन रियायतों को देकर रेलवे पर वित्तीय बोझ को समायोजित करना है. 

रेलवे मार्च 2020 से पहले पहले वरिष्ठ नागरिकों के मामले में महिलाओं को किराये पर 50 फीसदी और पुरुषों को सभी क्लास में रेल सफर करने के लिए 40% छूट देता था. इस छूट को लेने के लिए बुजुर्ग महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु सीमा 58 और पुरुषों के लिए 60 वर्ष थी, लेकिन कोरोना काल के बाद इन्हें मिलने वाली सभी तरह की रियायतें खत्म कर दी गई. 

अब रेलवे जिस एक और प्रावधान पर विचार कर रहा है. वह रेलवे रियायतों को केवल गैर-वातानुकूलित श्रेणी (non air conditioned category) की यात्रा तक सीमित करना हो सकता है. सूत्रों के अनुसार रेलवे का तर्क यह है कि अगर हम इसे शयनयान और सामान्य श्रेणियों तक सीमित रखते हैं तो हम 70 प्रतिशत यात्रियों को समायोजित कर लेंगे. ये कुछ विकल्प हैं जिन पर हम विचार कर रहे हैं और किसी भी चीज को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. वहीं रेलवे का कहना है कि एक रिसर्च से पता लगा है कि ये रियायतें बुजुर्गों की मदद करती हैं. हमने कभी नहीं कहा कि हम इसे पूरी तरह से खत्म करने जा रहे हैं. हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं. इस पर फैसला लेंगे. 

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