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Haryana News: मोदीजी! घर चलाने की चिंता रहेगी तो देश की सुरक्षा कैसे होगी, युवाओं का झलका दर्द

Charkhi Dadri: सेना भर्ती की तैयारी का रहे युवाओं ने अग्निवीर की प्रक्रिया में बदलाव की मांग की. बेटियों का कहना है कि सेना में जाने की उनकी बहुत इच्छा थी, मगर उनका सपना टूट गया. उनका कहना है कि अगर नौकरी के पहले उन्हें रिटायरमेंट की चिंता करनी पड़ेगी तो क्या फायदा?  

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Haryana News: मोदीजी! घर चलाने की चिंता रहेगी तो देश की सुरक्षा कैसे होगी, युवाओं का झलका दर्द
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Vipul Chaturvedi|Updated: Jul 07, 2024, 04:07 PM IST

Agniveer Yojana: फौजियों के लिए प्रसिद्ध हरियाणा में चरखी दादरी जिले से बड़ी संख्या में लोग सेना में जाते रहे हैं, मगर बीते दो वर्षों में तस्वीर बिल्कुल बदल गई है. यहां सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है. पश्चिमी हरियाणा के कुछ जिले जैसे जींद, हिसार और भिवानी में भी युवा सैन्य सेवा देने के बजाय विदेश जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं. जब उनसे  इसकी वजह जानने की कोशिश की तो युवाओं का दर्द जुबान आ गया. उनका कहना है कि अग्निवीर योजना के तहत सेना में भर्ती और सिर्फ चार साल की नौकरी मिलने से पहले ही युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. वे सेना की तैयारी कर जरूर रहे हैं, लेकिन बे मन से. उन्होंने सरकार के समक्ष भर्ती नियमों में बदलाव की मांग उठाई है.

राहुल गांधी की आवाज होती जा रही बुलंद
दरअसल अग्निवीर योजना के तहत नौकरी के लिए सिर्फ चार साल का अवसर मिलने से युवाओं में खीझ है. अब हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जब संसद में अग्निवीर भर्ती का मुद्दा उठाया तो बीजेपी सरकार को जवाब देना मुश्किल हो गया. राहुल गांधी ने शहीद हुए अग्निवीरों के आश्रितों को मुआवजा समेत अन्य सुविधाएं न मिलने की बात कही, जबकि रक्षा मंत्री समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने 1 करोड़ मुआवजा देने का दावा किया. अब बीजेपी राहुल गांधी पर पलटवार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही, लेकिन कांग्रेस नेता के इस बयान ने हरियाणा के युवाओं के दिलों में उठी टीस को सामने ला दिया. 

नौकरी से पहले रिटायरमेंट की चिंता 
चरखी दादरी के ग्राउंड में सेना भर्ती के लिए तैयारियां कर रहे युवाओं ने बताया कि वे इस उम्मीद में तैयारियां कर रहे हैं, शायद सरकार भर्ती नियमों में बदलाव कर दे. राहुल कुमार व सुमित का कहना है कि उन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंता है कि नौकरी के चार साल खत्म होने के बाद घर कैसे चलेगा. हमें जब आर्थिक सुरक्षा ही नहीं मिलेगी तो फायदा?

उन्होंने मोदी सरकार से सवाल किया कि अगर नौकरी के पहले रिटायरमेंट की चिंता करनी पड़ेगी तो देश की सेवा सुरक्षा कैसे करेंगे. अगर घर चलाने की चिंता रहेगी तो देश कैसे आगे बढ़ेगा.

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बेटियों का सपना भी टूट रहा और मनोबल भी 
इतना ही नहीं सभी क्षेत्रों में लड़कों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होने वाली बेटियों के चेहरे पर मायूसी साफ नजर आई. उनका कहना है कि सेना में जाने की उनकी बहुत इच्छा थी, मगर अग्निवीर भर्ती से उनका सपना टूट गया. अनीता ने कहा कि संसद में नेता लड़ रहे हैं, उन्हें युवाओं की कोई चिंता नहीं है. राहुल गांधी ने संसद में मुद्दा उठाया है तो अग्निवीर भर्ती का दायरा बढ़ने की संभावना दिखाई दे रही है.

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आखिर युवा सरकार से चाहते क्या है?
युवाओं ने सरकार से गुहार लगाई कि अग्निवीर के तहत भर्ती युवाओं को बाकी सैनिकों की तरह ही सुविधाएं मिलें. वहीं कोच राजेश तक्षक का कहना है कि अग्निवीर भर्ती शुरू होने के बाद से युवाओं का जोश कम हो गया है. अब युवा सेना में जाने के बजाय दूसरी नौकरियों की ओर रुख कर रहे हैं. सरकार को अग्निवीर भर्ती के नियमों में बदलाव करना चाहिए, ताकि युवाओं में देश सेवा का जज्बा बढ़ सके.

मामला बढ़ा तो BJP को हो सकता है नुकसान 
लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी हरियाणा की 10 सीटों में से 5 पहले ही गंवा चुकी है. 5 सीटों पर कब्जा जमाकर कांग्रेस से हौसले पहले से ही बुलंद हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले अगर वह अग्निवीर योजना का मुद्दे को जरूरी धार देने में कामयाब हो पाती है तो नौकरी के लिए लंबे समय से भटक रहे युवा वोटर्स बीजेपी को तगड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं.

इनपुट : पुष्पेंद्र कुमार 

 

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