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हरियाणा में MBBS छात्रों को BKU का समर्थन, चढूनी बोले- पॉलिसी के बाद कोई गरीब बच्चा नहीं बन सकेगा डॉक्टर

हरियाणा में पिछले कई दिनों से  MBBS स्टूडेंट्स सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में भूख हड़ताल कर रहे हैं. वहीं अब उनके समर्थन में भारतीय किसान यूनियन उतर गई है. वहीं BKU ने सरकरा को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

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हरियाणा में MBBS छात्रों को BKU का समर्थन, चढूनी बोले- पॉलिसी के बाद कोई गरीब बच्चा नहीं बन सकेगा डॉक्टर
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Abhinav Tomer|Updated: Nov 30, 2022, 09:43 AM IST

Chandigarh: हरियाणा में MBBS स्टूडेंट्स बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं. अब स्टूडेंट्स के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) भी उतर गई है. वहीं BKU के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार को बॉन्ड पॉलिसी वापस न लेने पर भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है. चढूनी ने कहा कि अगर सरकार तुरंत फैसला नहीं लेती है तो पूरे हरियाणा के किसान और मजदूर PGI रोहतक स्टूडेंट्स के साथ आंदोलन करेंगे. 

ये भी पढ़ें: MBBS छात्रों ने दीपेंद्र हुड्डा से की मुलाकात, बोले- बॉन्ड पॉलिसी का मुद्दा पुरजोर ढंग से सदन में उठायेंगे

रोहतक और करनाल में पिछले कई दिनों से MBBS स्टूडेंट्स बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं सरकार के साथ कई बार बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकला है. ऐसे में इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. बता दें कि सरकार की इस बॉन्ड पॉलिसी में  MBBS की फीस 4 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी है. वहीं छात्रों का कहना है कि इस तरह से कोई भी आम परिवार का होनहार बच्चा डॉक्टर नहीं बन पाएगा. इतना ही नहीं MBBS स्टूडेंट्स को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन भी अपना समर्थन दे चुकी है.

चढूनी बोले गरीब का बच्चा नहीं बन सकेगा डॉक्टर
वहीं MBBS छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन को लेकर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि पिछले कई दिनों से करनाल मेडिकल कॉलेज और PGI रोहतक में छात्र कई दिनों से पॉलिसी के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं. चढूनी ने आगे कहा कि इससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और मरीजों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. 

BKU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि हरियाणा सरकार ने MBBS की फीस 4 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी है. उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के बाद कोई गरीब परिवार का होनहार बच्चा डॉक्टर नहीं बन सकेगा. वहीं चढूनी ने आगे कहा कि जो  40 लाख रुपये फीस भरकर डॉक्टर बनेगा वह मरीजों के साथ क्या करेगा? अगर बॉन्ड पॉलिसी वापस नहीं हुई तो इलाज महंगा हो जाएगा. 

यह पूरे देश का मुद्दा
इसको लेकर चढूनी ने कहा कि यह मुद्दा केवल डॉक्टरों का नहीं है, बल्कि पूरे देश का है. उन्होंने कहा कि जिस देश में 22 करोड़ लोग भूख मरते हैं. वहीं आर्थिक स्थिति कैसी होगी. वहीं ऐसे परिवार अपने बच्चे को MBBS की पढ़ाई कैसे करा सकेंगे.

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