Home >>Delhi-NCR-Haryana

क्या कुलदीप बिश्नोई और BJP का साथ बनेगा अंतर्कलह की वजह? भव्य के लिए कितनी आसान है डगर

कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे को लोकसभा स्पीकर ने मंजूरी दे दी है. अब हरियाणा में तीसरी बार उपचुनाव की तैयारी है. अब देखना यह होगा कि कुलदीप बिश्नोई इस सीट से खुद लड़ेंगे या अपने बेटे को चुनाव में उतारेंगे.

Advertisement
कुलदीप बिश्नोई
Stop
Abhinav Tomer|Updated: Aug 03, 2022, 09:10 PM IST

चंडीगढ़: कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे को लोकसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने मंजूरी दे दी है. साथ ही आदमपुर विधानसभा क्षेत्र को रिक्त घोषित कर चुनाव आयोग को इसकी सूचना भेज दी है. वहीं हरियाणा में 2019 विधानसभा चुनाव के बाद तीसरा उपचुनाव होगा. इससे पहले बरोदा में कांग्रेस के विधायक की मौत के बाद उपचुनाव हुआ था. वहीं किसान आंदोलन के दौरान ऐलनाबाद विधानसभा सीट से इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के विधायक अभय सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया था. वहां दूसरा उपचुनाव हुआ और अब हरियाणा में तीसरे उपचुनाव की तैयारी होगी, हरियाणा विधानसभा की तरफ से आधिकारिक अधिसूचना चुनाव आयोग को भेजी जा चुकी है. अब चुनाव आयोग को फैसला लेना है कि आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कब कराए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: कुलदीप के बाद बेटे भव्य बिश्नोई ने भी छोड़ी कांग्रेस, दादा के नाम का फल हुड्डा ने ही खाया

मौजूदा विधायक कांग्रेस से कुलदीप सिंह बिश्नोई थे, जिन्होंने विधायकी से इस्तीफे के साथ ही कांग्रेस पार्टी से भी त्यागपत्र दे दिया है. कुलदीप बिश्नोई मीडिया से बातचीत में यह इशारा कर रहे हैं कि आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की सूरत में वह अपने बेटे भव्य बिश्नोई को चुनाव लड़ाना चाहते हैं, हालांकि इसका फैसला बीजेपी (BJP) आलाकमान पर छोड़ दिया है.

हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में यह तीसरा उपचुनाव होगा. इससे पहले बरौदा और ऐलनाबाद में उपचुनाव हो चुके हैं. दोनों उपचुनाव भाजपा व जजपा ने मिलकर लड़े हैं. ऐसे में आदमपुर का चुनाव हुआ तो यहां भी दोनों दल मिलकर लड़ सकते हैं. बरौदा में कांग्रेस प्रत्याशी इंदु नरवाल और ऐलनाबाद में इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला चुनाव जीते थे.

वहीं अब देखना यह होगा कि 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी सोनाली फोगाट उस सीट को कुलदीप बिश्नोई के लिए छोड़ देंगी, क्योंकि सोनाली फोगाट सार्वजनिक मंचों पर कई बार ऐलान कर चुकी हैं कि उन्हें आदमपुर हलके से कोई अलग नहीं कर सकता. अब देखना यह होगा कि भाजपा सोनाली को कैसी मनाती है या फिर सोनाली आम आदमी पार्टी और इनेलो का हाथ थामेंगी ? फिलहाल इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है कि सोनाली भाजपा छोड़ सकती हैं. 

हालांकि कुलदीप इस सीट से 4 बार विधायक चुने जा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी वो इस सीट को आसानी से नहीं जीत पाएंगे, क्योंकि कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश (JP) को आदमपुर में उतारने की तैयारी बताई जाती है, हालांकि 2009 के चुनाव में बिश्नोई ने जेपी को हरा दिया था. अगर सोनाली BJP में रहती हैं तो कुलदीप बिश्नोई के लिए चुनाव जीतने में आससानी होगी. 

{}{}