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गुरुग्राम के PG संचालकों के पास नहीं फायर NOC, फायर विभाग ने 365 संचालकों को थमाया नोटिस

ज्यादातर लोग अगर दूसरे शहर में पढ़ने या फिर नौकरी के लिए जाते हैं तो वो पीजी में रहना पसंद करते हैं. क्योंकि पीजी उनके आसानी से और सुविधाओं के साथ मिल जाता है. क्या आपको पता है कि आप जिस पीजी में रह रहे हैं वो आपके लिए सुरक्षित है. 

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गुलशन कालरा, डिप्टी डायरेक्टर फायर विभाग
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Zee News Desk|Updated: Jul 29, 2022, 05:26 PM IST

देवेंद्र भारद्वाज/गुरूग्राम: गुरुग्राम में आज फायर विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. गुरुग्राम फायर डिपार्टमेंट की तरफ से शहर में चल रहे बिना फायर एनओसी के पीजी संचालकों को नोटिस थमाया है. फायर विभाग ने 365 पीजी संचालकों को नोटिस थमाया है. शहर में लगभग 1 हजार पीजी ऐसे हैं जो बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं. इस तरह की लापरवाही करके ये लोग एक बड़े हादसे को न्योता भी दे रहे हैं. अगर आप भी पीजी (PG) में रह रहे हैं या फिर रहने जा रहे हैं तो आप सबसे पहले उस पीजी की फायर एनओसी जरूर चेक करें.

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गुरुग्राम शहर की गगनचुंबी इमारतों के बीच विकास एक तस्वीर जरूर नजर आती है, लेकिन इस बीच हरियाणा के सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होने के नाते शहर के अंदर पीजी यानी पैयनिंग गेस्ट का व्यापार भी बड़ी संख्या में फल फूल रहा है. एक तरफ बाहर से आने वाले लोगों के लिए पीजी एक सहूलियत मुहैया करा रहा है तो दूसरी तरफ उनके लिए खतरा भी बना हुआ है. इसी बात को मद्देनजर रखते हुए अब जिला प्रशासन की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है. फायर डिपार्टमेंट ने एक ऐसी लिस्ट तैयार की है, जिसमें ऐसे पीजी सुनिश्चित किए गए हैं. जहां फायर एनओसी नहीं है. इसी के चलते आगजनी की एक बड़ी घटना कभी भी हो सकती है.

गुरुग्राम में फायर विभाग की तरफ से जो लिस्ट तैयार की गई है. उसमें करीब 1 हजार ऐसे पीजी हैं जो बिना किसी एनओसी के संचालित किए जा रहे हैं. फायर विभाग की तरफ से 365 पीजी संचालकों को नोटिस थमाया गया है तो वहीं इस पूरे सर्वे में 159 पीजी ऐसे भी पाए गए हैं जहां पूरी तरह से फायर उपकरणों की कमी है और कानून को ताक पर रखकर इन्हें चलाया जा रहा है. फायर विभाग की तरफ से दो टीमें गठित की गई है जो पूरे शहर भर में सर्वे कर रही हैं कि कुल कितने पीजी ऐसे हैं जहां फायर उपकरणों को नहीं लगाया गया है.

फायर डिपार्टमेंट की तरफ से साफ कर दिया गया है कि यदि शहर के अंदर कोई भी पीजी बिना फायर एनओसी के संचालित मिलता है. उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और इस कानूनी कार्रवाई के तहत PG को सील किया जाएगा. वहीं पीजी संचालकों के खिलाफ एफआईआर (FIR) भी दर्ज कराई जाएगी. फायर डिपार्टमेंट, नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के साथ संपर्क कर ऐसे पीजी को सुनिश्चित किया जा रहा है. 

गुरुग्राम में पहले भी कई बार पीजी के अंदर आगजनी की घटनाएं घट चुकी हैं.
1. 26 जनवरी 2022 को डीएलएफ फेस-3 में आग लगी थी. इसमें 65 लोगों को सकुशल बचाया गया था.
2. 27 मार्च को बादशाहपुर में पीजी के कमरे में आग लगी थी.
3. 12 जनवरी 2022 सेक्टर 50 के पीजी में आग लगी थी
4. 15 सितंबर 2019 को मानेसर पीजी में आग लगी थी
5. 16 फरवरी 2021 को सेक्टर-51 में 4 मंजिला पीजी के 3 फ्लोर में आग लगी थी.
6. अगस्त 2020 में सेक्टर-55 में पीजी के ग्राउंड फ्लोर पर आग लगी थी.
7. 2021 में सेक्टर-38 के बेसमेंट में बने पीजी में आग लगी थी.
8. 22 फरवरी 2020 में चंडीगढ़ में पीजी में आग लगने से 3 छात्राओं की मौत हो गई थी.

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