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Faridabad News: जीवन बचाने के बाद पीड़ित कर रहे अपने सामान, कागजात को डूबे हुए घरों से निकलवाने की मांग

भारी बरसात के बाद लगातार बढ़े यमुना के जलस्तर के चलते फरीदाबाद में भी यमुना के साथ लगते हुए गांव के खेतों व घरों में भी पानी घुस जाने के कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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Faridabad News: जीवन बचाने के बाद पीड़ित कर रहे अपने सामान, कागजात को डूबे हुए घरों से निकलवाने की मांग
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Zee Media Bureau|Updated: Jul 16, 2023, 09:26 AM IST

Faridabad Flood News: भारी बरसात के बाद लगातार बढ़े यमुना के जलस्तर के चलते फरीदाबाद में भी यमुना के साथ लगते हुए गांव के खेतों व घरों में भी पानी घुस जाने के कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि बाढ़ के रूप में आई इस आफत के बाद जिला प्रशासन एकदम से सक्रिय नजर आया और राहत बचाव कार्य शुरू करते हुए ज्यादा से ज्यादा पीड़ितों का रेस्क्यू किया.

पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाकर, वहां रहने और खाने की व्यवस्था की गई. साथ ही लगातार लोगों को भोजन, चिकित्सा, जरूरत का सामान भी उपलब्ध कराया जा रहा है. जहां एक तरफ प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की सुख-सुविधाओं को लेकर दावा कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ यमुना के जलस्तर बढ़ने के बाद फरीदाबाद में यमुना के साथ लगते गांव में पानी घुसने के चलते लोगों के घर पानी में डूब गए हैं. सामान, जरूरी कागजात, घरों में रह गए तो ऐसे में कुछ पीड़ितों की प्रशासन की तरफ से कुछ नाराजगी व शिकायत भी देखी जा रही है.

ऐसे में प्रशासन से नाराज दिख रहे पीड़ितों से बात की गई. जहां उर्मिला देवी ने बताया कि हमारा सारा सामान डूब गया है. बच्चों को जैसे-तैसे निकाल लाए हैं. खाने की भी समस्या हो रही है. सामान सारा मकान में रह गया है. एकदम से पानी आ गया था कुछ भी सामान नहीं निकाल पा रहे. सड़क पर घूम रहे हैं. आसमा नामक महिला ने बताया कि मैं यहीं बसंतपुर में रहती हूं. हमें भी नहीं पता था कि इतना पानी आ जाएगा सारा सामान मकान में छोड़कर जान बचाने के लिए निकल गए. तन पर जो कपड़े हैं बस वही है अब हमारे पास. ना मेरे पास कोई आईडी है ना कोई पैसा. ना कोई घर का सामान, कुछ लेकर नहीं आए. सब वहीं है अब यह बताएं कि सामान लेकर निकलेंगे या जान बचाएं. हरियाणा सरकार को हमारी सहायता करनी चाहिए.

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हनीप्रीत नामक युवक ने बताया कि अब घरों के ताले भी टूट रहे हैं. चोरियां हो रही है. पुलिस हमें भी सामान लेने के लिए नहीं जाने दे रही है. हमारा सारा सामान घर में ही रह गया है. पुलिस और प्रशासन हमारी मदद नहीं कर रहा है. कोई खाने को नहीं दे रहा. कोई किसी की मदद नहीं कर रहा.

बाढ़ पीड़ितों को जरूरी कागजात और सामान को लेकर आ रही समस्या के विषय पर किए गए सवाल के जवाब पर लोकसभा निगरानी समिति व पार्षद ओमप्रकाश रक्षवाल ने कहा कि इस बार जो बारिश आई है यह उत्तर भारत में बहुत लंबे समय बाद आई है. 1978 में यहां बाढ़ आई थी उसके बाद इस बार ब्यावर रूप देखने को मिल रहा है. उसके कारण यहां जो मकान बाढ़ में फंस गए हैं उनको दिक्कत आई है. लेकिन प्रशासन और सरकार पूरी तरीके से मुस्तैद है. नाव लगाकर लोगों को निकाला जा रहा है. लोग निकलने को तैयार नहीं थे. फिर भी उनको समझाकर गया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं. जिले के सांसद किशनापल गुजर जिले के अधिकारियों से रिपोर्टिंग तो ले ही रहे हैं. यहां प्रशासन की तरफ से अच्छी व्यवस्था है लोग अपनी भंडारे लगा रहे हैं.

वहीं जरूरी कागजात या  सामान नहीं लाने देने का प्रशासन पर आरोप के सवाल पर ओमप्रकाश रक्षवाल पार्षद ने कहा कि इंसान ने सब कुछ बनाया है. मकान बनाया है, कागज बनाए हैं, लेकिन कोई भी मकान का कागज इंसान नहीं बना सकता. न ही उसे बचा सकता इसलिए सबसे पहले प्राथमिकता यहां जीवन को बचाने की है. इंसान को बचाने की है. 

वहीं फरीदाबाद एसडीएम परमजीत चहल ने बताया कि बहुत तरीके से हमने रिलीफ कैंप ऑर्गनाइज किया हुआ है. हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था है. हम किसी को जबरदस्ती. उठाकर ले नहीं जा सकते. उन्होंने कहा कि पहले ये लोग यहां से निकल नहीं रहे थे. निवेदन करके निकाला गया है. अब किसी की बकरी रह गई, किसी का कुत्ता रह गया है, किसी के कागज रह गए हैं. हमारी पहली प्राथमिकता जान बचाने की है. पहले लोगों को बचाया जा रहा है. उसके बाद दूसरी चीजों को देखा जाएगा और जगह भी नांवों की जरूरत है. कई लोग फंसे हुए हैं. यह लोग चाहते हैं कि इनको यही बैठे-बैठे सब कुछ मिल जाए. खाना,पानी और टॉयलेट की सुविधा है. रिलीफ कैंप में आने को तैयार नहीं है.

साथ ही ये कहा कि हम 2 दिन से बोल रहे हैं. हम हजार लोगों को रख सकते हैं जिनको फैसिलिटी देंगे. जिनको हम खाने देंगे टॉयलेट की सुविधा है, मेडिकल फैसिलिटी है, रोडवेज की बसे हैं. इससे ज्यादा प्रशासन क्या करेगा.

Input: Amit Chaudhary

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