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चुनावी बॉन्ड की 21वें चरण की बिक्री 1 से 10 जुलाई तक, क्यों और किसे पड़ती है इनकी जरूरत

राजनीतिक दलों को मिलने वाले नगद चंदे के विकल्प के रूप में इसे शुरू किया था. उस समय पार्टियों को किसने कितना चंदा दिया, इसमें पारदर्शिता लाने के लिए पहले चरण के चुनावी बॉन्ड की बिक्री 1 से 10 मार्च, 2018 के दौरान हुई थी.

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चुनावी बॉन्ड की 21वें चरण की बिक्री 1 से 10 जुलाई तक, क्यों और किसे पड़ती है इनकी जरूरत
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Vipul Chaturvedi|Updated: Jun 30, 2022, 05:09 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चुनावी बॉन्ड के 21वें चरण की मंजूरी दे दी. इन बॉन्ड की बिक्री 1 जुलाई से शुरू होगी. राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए चुनावी बॉन्ड पेश किए गए थे. इन्हें राजनीतिक दलों को मिलने वाले नगद चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया था. 

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के जरिये 1 से 10 जुलाई तक चुनावी बॉन्ड की बिक्री और इनके लिए भुगतान करेगा. एसबीआई की लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नई दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई शाखाओं द्वारा चुनावी बॉन्ड की बिक्री की जाएगी. 

चुनावी बॉन्ड की 20वें चरण की बिक्री 1 से 10 अप्रैल के दौरान आयोजित की गई थी. पहले चरण के चुनावी बॉन्ड की बिक्री 1 से 10 मार्च, 2018 के दौरान हुई थी. सिर्फ एसबीआई को ही चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है. चुनावी बॉन्ड जारी किए जाने की तिथि से 15 दिन तक वैध रहता है.

यदि वैधता अवधि समाप्त होने के बाद कोई राजनीतिक दल बॉन्ड जमा कराता है तो उसे कोई भुगतान नहीं किया जाता है. कोई भी पंजीकृत राजनीतिक दल जिसे पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कुल मतों के कम से कम 1 प्रतिशत मत मिले हैं, वे चुनावी बॉन्ड के जरिये भुगतान पा सकते हैं.

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