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Earthquake Delhi-NCR: उत्तराखंड के बाद दिल्ली-NCR में दूसरी बार भूकंप के तेज झटके, 5.4 मापी गई तीव्रता

Earthquake Delhi-NCR: दिल्ली-NCR और उत्तराखंड में आज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. एक हफ्ते में दो बाद भूकंप के झटक महसूस किया गया है. इसके चलते लोग अपने घर और दफ्तरों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए. भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.4 मापी गई है और 7 बजकर 57 मिनट पर आया था. भूकंप का सेंटर नेपाल में बताया गया है.

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Earthquake Delhi-NCR: उत्तराखंड के बाद दिल्ली-NCR में दूसरी बार भूकंप के तेज झटके, 5.4 मापी गई तीव्रता
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Nikita Chauhan|Updated: Nov 12, 2022, 08:58 PM IST

Earthquake Delhi-NCR: दिल्ली-NCR और उत्तराखंड में आज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. एक हफ्ते में दो बाद भूकंप के झटक महसूस किया गया है. इसके चलते लोग अपने घर और दफ्तरों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में भूकंप के झटके लगे थे. इतना ही नहीं उत्तराखंड में आज दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.4 मापी गई है और 7 बजकर 57 मिनट पर आया था. भूकंप का सेंटर नेपाल में बताया गया है.

आपको बता दें कि दिल्ली और उससे जुड़े इलाकों में 6 नवंबर को रात 1:57 पर तेज भूकंप के झटके लगे थे. उस वक्त भी भूकंप का केंद्र नेपाल बताया गया था. उस दौरान वहां 6 लोगों की मौत हो गई थी और भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई थी. खबरों की मानें तो दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड, नोएडा, गाजियाबाद के साथ बिजनौर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इसी के साथ उत्तराखंड के टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्नर, पौढ़ी और खटीमा में भूकंप आया.

जानें, क्यों आता है भूकंपहै?

रिसर्च के मुताबिक, जमीन के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती है जो लगातार घूमती है. कहते हैं कि ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है और लगातार टकराने की वजह से प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं. जब प्रेशर ज्यादा हो जाता है तो प्लेट्स टूट जाती हैं और इनके टूटने की वजह से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजने लगती है और इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

नेपाल से क्या कनेक्शन

जानकारी के मुताबिक, प्रोफेसर CP राजेंद्रन ने 2018 में एक रिसर्च में खिलासा किया था कि साल 1315 और 1440 के बीच भारत के भाटपुर से लेकर नेपाल के मोहाना खोला तक 600 किलोमीटर लंबी सीसमिक गैप बन गई थी. 600-700 सालों से ये गैप शांत है, लेकिन इस पर लगातार भूकंपीय दबाव बन रहा है. हो सकता है कि ये दबाव भूकंप के तौर पर सामने आए. अगर यहां से भूकंप आता है तो 8.5 तीव्रता तक हो सकता है.

कौन-सा रिक्टर स्केल होता है खतरनाक?

आपको बता दें कि भूकंप की अधिकमत तीव्रता आज तक तय नहीं हो पाई है. मगर रिक्टर स्केल 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से खतरनाक माना गया है. इसी के साथ इस पैमाने पर 2 से कम तीव्रता वाला भूकंप को सूक्ष्म भूकंप कहलाता है जो ज्यादातर महसूस नहीं होता. इसी के साथ 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को नुकसान पहुंचता है.

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