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Hal Shashti 2023: संतान की सलामती के लिए आज रखा जाएगा हलषष्ठी का व्रत, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Hal Shashti 2023 Kab Hai: संतान की सुख-समृद्धि के इस साल 05 सितंबर को महिलाएं हलषष्ठी का व्रत रखेंगी. इस दिन को ललही छठ के नाम से भी जाना जाता है. 

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Hal Shashti 2023: संतान की सलामती के लिए आज रखा जाएगा हलषष्ठी का व्रत, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
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Divya Agnihotri|Updated: Sep 05, 2023, 07:22 AM IST

Hal Shashti 2023 Date: हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हलषष्ठी के नाम से जाना जाता है, इस दिन महिलाएं संतान की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. इस साल हलषष्ठी का व्रत 05 सितंबर को रखा जाएगा. इसे कुछ जगहों पर ललही छठ के नाम से भी जाना जाता है. हलषष्ठी भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम को समर्पित मानी जाती है, ऐसी मान्यता है कि इसी दिन बलराम का जन्म हुआ था. आज के आर्टिकल में हम आपके लिए हलषष्ठी व्रत की डेट, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानकारी लेकर आए हैं. 

हलषष्ठी 2023 डेट (Hal Shashti 2023 Date)
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 04 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 05 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर हलषष्ठी का व्रत 05 सितंबर को रखा जाएगा. 

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हलछठ व्रत का महत्व (Hal Shashti Significance)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बलराम का प्रमुख शस्त्र हल है, जिसे धारण करने की वजह से उने हलधर भी कहा जाता है. उन्ही के नाम पर इस व्रत को हलषष्ठी के नाम से जाना जाता है. इस व्रत में खेती में उपयोग होने वाले सामान की पूजा की जाती है, वहीं हल से जुता हुआ अनाज नहीं खाया जाता. 

हलषष्ठी पूजा विधि (Hal Shashthi Puja Vidhi)
संतान की लंबी आयु और संतान प्राप्ति की कामना से किए जाने वाले इस व्रत के लिए सुबह महिलाएं उठकर स्नान करके इस व्रत का संकल्प लेती हैं. इसके बाद घर के आंगन में एक गड्ढा बनाकर उसमें पलाश और झरबेरी की शाखाएं बांध दी जाती हैं. पूजा में 07 तरह का अनाज चढ़ाया दाता है और भैंस के दूध से बने घी से हवन किया जाता है. रात के समय चांद के दर्शन के बाद पारण किया जाता है. 

Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सामान्य सूचनाओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.

 

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