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Chhath Puja 2023: नहाय-खाय पर झाग के पानी में नहाने को मजबूर व्रती, कौन समझेगा मजबूरी?

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा मनाई जाती है. यह बिहार और पूर्वांचल में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.  छठ पूजा में उगते और ढ़लते सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस अवसर पर व्रत भी रखा जाता है, जिसकी अवधी कुल 36 घंटे की होती है.

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Chhath Puja 2023: नहाय-खाय पर झाग के पानी में नहाने को मजबूर व्रती, कौन समझेगा मजबूरी?
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Zee Media Bureau|Updated: Nov 17, 2023, 02:44 PM IST

Delhi Chhath Puja 2023 Date: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा मनाई जाती है. यह बिहार और पूर्वांचल में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.  छठ पूजा में उगते और ढ़लते सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस अवसर पर व्रत भी रखा जाता है, जिसकी अवधी कुल 36 घंटे की होती है. यह सबसे कठिन वर्तों में से एक माना जाता है. इसी के साथ राजधानी दिल्ली में महापर्व छठ का तैयारी जोरो से चल रहा है. 

आज महापर्व छठ की शुरुआत नहाए खाए के साथ शुरू हो गई है. आज के दिन छठ व्रत की महिलाएं नदी में स्नान कर खुद को शुद्ध करती है और महापर्व छठ की शुरुआत आज के दिन से शुरू हो जाती है. जहां आज नहाए खाए पर कालिंदी कुंज यमुना नदी पर छठ व्रती महिलाएं पहुंची हैं और यमुना में डुबकी लगाकर पूजा की. 

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जहां आज छठव्रती महिलाएं पहुंचकर महापर्व छठ की शुरुआत नहाए खाए के साथ शुरू कर रही. हालांकि इस दौरान यमुना नदी के पानी में हल्का झाग भी दिखाई दिया. इसके बावजूद यमुना नदी में आस्था के अनुसार महिलाएं स्नान कर खुद को शुद्ध करती हुई नजर आई. वहीं स्नान करने पहुंची यमुना तट पर महिलाओं ने बताया कि हमें बेहद दुख हो रहा है कि हमारा महापर्व छठ के दौरान यमुना अभी भी साफ नहीं हुई है. 

हालांकि हम लोगों का आस्था का त्योहार है और हम लोगों का नदी के तट पर स्नान कर महापर्व छठ की तैयारी आज से शुरू हो जाती है. इसलिए आज हम लोग यमुना नदी में डुबकी लगाकर खुद को शुद्ध करने के लिए यहां पहुंचे है. आगे हमारा सरकार से निवेदन है कि यमुना नदी को साफ रखें ताकि आस्था के पर्व के समय हम यमुना नदी के शुद्ध पानी में डुबकी लगा सके.

Input: Hari Kishor Sah

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