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Chaturmas 2023 Date: 29 जून से होगी चतुर्मास की शुरुआत, भूलकर भी नहीं करें ये 3 शुभ काम

Chaturmas 2023 Date: चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी से होती है, जिसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है और यह 4 महीने बाद कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी के दिन समाप्त होता है.  

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Chaturmas 2023 Date: 29 जून से होगी चतुर्मास की शुरुआत, भूलकर भी नहीं करें ये 3 शुभ काम
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Divya Agnihotri|Updated: Jun 03, 2023, 11:01 PM IST

Chaturmas 2023 Date: हिंदू पंचाग में चातुर्मास का विशेष महत्व माना जाता है, इस दिन की शुरुआत आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी से होती है. इसे देवशयनी एकादशी भी कहते हैं, जो 29 जून को है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन से भगवान 4 महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं, इस दौरान सभी प्रकार के  शुभ कार्यों को करने पर रोक होती है. आज के आर्टिकल में जानते हैं कि चतुर्मास कब से शुरू होंगे और इसमें कौन-कौन से कार्यों को करना वर्जित है.

कब से शुरू होगा चातुर्मास
चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी से होती है जो 4 महीने तक रहता है, लेकिन सावन के महीने में अधिकमास लग रहा है, जिसकी वजह से चातुर्मास एक महीने बढ़कर 5 महीने का हो जाएगा. इस बार शुभ कार्यों को करने के लिए 5 महीने का इंतजार करना पड़ेगा.

चातुर्मास की समाप्ति
चातुर्मास 29 जून 2023 से शुरू होकर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी पर समाप्त होंगे. इस साल 23 नवंबर 2023 को देवउठनी एकादशी है, इसी दिन भगवान योगनिद्रा से उठेंगे और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी. 

भगवान भोलेनाथ करते हैं सृष्टि का संचालन
ऐसी मान्यता है कि चातुर्मास में जब भगवान विष्णु 4 महीने में योग निद्रा में चले जाते हैं तब सृष्टि को चलाने की जिम्मेदारी भगवान भोलेनाथ के ऊपर आ जाती है. यही वजह है कि सावन के महीने में भगवान शिव की अराधना की जाती है. 

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चातुर्मास में इन कार्यों पर रोक
चातुर्मास में विवाह, तिलकोत्सव, मुंडन,गृह प्रवेश, भूमि पूजन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते. इसके साथ ही चातुर्मास किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए भी अशुभ माना जाता है.  

चतुर्मास में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार (Chaturmas Vrat Tyohar List)
 चातुर्मास के दौरान मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है, लेकिन इस दौरान पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना जाता है. रक्षाबंधन, नागपंचमी, गणेशोत्‍सव, पितृ पक्ष, नवरात्रि, दशहरा, दिवाली जैसे सभी महत्वपूर्ण त्योहार चातुर्मास के दौरान ही पड़ते हैं.

चातुर्मास में करें ये काम 
चातुर्मास में नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं, जिससे बचने के लिए भगवान की अराधना और मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ ही इन महीनों में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए जमीन पर सोना चाहिए और एक समय भोजन का त्याग करना चाहिए. चतुर्मास में मूली, परवर, बैंगन, साग-पात और दही का सेवन भी वर्जित माना जाता है. 

Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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