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Anant Chaturdashi 2023: अनंत चतुर्दशी कथा से मिटेंगे सारे पाप, मिलेगा राजयोग जैसा अपार सुख

Anant Chaturdashi 2023 Date: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है, इस साल ये व्रत 28 सितंबर को रखा जाएगा. इस दिन कथा सुनने और अनंत धागा बांधने का विशेष महत्व माना जाता है. 

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Anant Chaturdashi 2023: अनंत चतुर्दशी कथा से मिटेंगे सारे पाप, मिलेगा राजयोग जैसा अपार सुख
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Divya Agnihotri|Updated: Sep 24, 2023, 09:13 AM IST

Anant Chaturdashi 2023 Date: हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है, इस 10 दिन के गणेश उत्सव का भी समापन होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि की पूजा करने और कथा सुनने से सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं. इस दिन भक्ति की स्मृति में डोरा बांधा जाता है, जिसे अनंत भी कहा जाता. इस व्रत के प्रभाव से पांडवों को उनका राज्य वापस मिला था, जो भी भक्त सच्चे मन से इस व्रत को करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

अनंत चतुर्दशी 2023 डेट (Anant Chaturdashi 2023 Date)
भाद्रपद शुक्ल की चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर रात 10 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदयातिथि के अनुसार, 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाएगा.  

अनंत चतुर्दशी 2023 मुहूर्त (Anant Chaturdashi 2023 Muhurat)
विष्णु पूजा का मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 12 मिनट से शाम 06 बजकर 49 मिनट तक
गणेश विसर्जन मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 3 बजकर 10 मिनट तक
गणेश विसर्जन का दूसरा मुहूर्त- शाम 4 बजकर 41 मिनट से रात 9 बजकर 10 मिनट तक

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अनंत चतुर्दशी व्रत कथा (Anant Chaturdashi Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार 'प्राचीन काल में सुमंत नाम का एक ब्राह्मण अपनी बेटी दीक्षा और सुशीला के साथ रहता था. सुशीला जब विवाह के योग्य हुई तो उसकी मां का निधन हो गया. सुमंत ने बसुशीला का विवाह कौंडिन्य नाम के ऋषि से कर दिया. कौंडिन्य ऋषि सुशीला को लेकर अपने आश्रम जा रहे थे, लेकिन रास्ते में रात हो गई तो एक जगह पर रुक गए. वो जिस जगह पर रुके हुए थे वहां कुछ महिलाएं अनंत चतुर्दशी की पूजा कर रही थीं. उन्होंने व्रत के दौरान 14 गांठों वाला अनंत धागा पहन लिया और कौंडिन्य ऋषि को भी वो धागा दे दिया, लेकिन उन्होंने उसका अपमान करते हुए धागे को तोड़कर आग में डाल दिया.

अनंत धागे का अपमान करने की वजह से कौंडिन्य ऋषि की सारी संपत्ति नष्ट हो गई, अपनी गलती का अहसास होने पर वो जंगल में धागे की प्राप्ति के लिए भटकने लगे. तभी एक दिन भगवान प्रगट हुए और कहा कि कौंडिन्य ऋषि तुमने अपनी गलती का पश्चाताप कर लिया है. भगवान ने कौंडिन्य ऋषि को 14 साल तक अनंत चतुर्दशी का व्रत करने को कहा, जिसके प्रभाव से कौंडिन्य ऋषि की संपत्ति और खुशियां वापस लौट आएंगी. कौंडिन्य ऋषि ने बिल्कुल वैसा ही किया और श्रीहरि की कृपा से उनकी संपत्ति और खुशियां वापस लौट आईं.

Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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