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Delhi News: पार्किंग को लेकर हुए झगड़े में गई बुजुर्ग की जान, पुलिस कर रही मामले की जांच

Delhi Crime News: सुभाष नगर में हुए पार्किंग विवाद में एक बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. वहीं आज इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.  

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Delhi News: पार्किंग को लेकर हुए झगड़े में गई बुजुर्ग की जान, पुलिस कर रही मामले की जांच
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Zee Media Bureau|Updated: Nov 16, 2023, 06:06 PM IST

Delhi News: पश्चिमी जिला के सुभाष नगर में इस महीने की 5 तारीख को हुआ पार्किंग विवाद में एक बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. वहीं आज उनकी 11 दिन बाद मौत हो गई. 11 दिन से बुजुर्ग अस्पताल में भर्ती थे. बुजुर्ग की पत्नी और बेटो का रो रोकर बुरा हाल है.

बता दें कि राजौरी गार्डन पुलिस ने पांच नवंबर को ही आरोपी राजकुमार मैदान, उनके बेटे आयुष मैदान और उनके बेटे शुभम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था. 5 तारीख को जब घर के नीचे कार खड़ी करने को लेकर एक परिवार ने 72 साल के बुजुर्ग को उठाकर रोड पर पटक दिया था, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई और पिछले 11 दिनों से वह अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे थे. आज उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया है.

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घटना सुभाष नगर के तीन ब्लॉक की है, जब अजय प्रताप सिंह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ एक कार्यक्रम में भाग लेकर यूपी से लौटे तो उनकी कार की पार्किंग वाली जगह पर पड़ोस में रहने वाले मदान परिवार ने अपनी कार खड़ी की हुई थी. इसको लेकर अजय प्रताप ने राजकुमार मदान से इस बात की शिकायत की और गाड़ी हटाने के लिए कहा उनके पीछे उनके दोनों बेटे आयुष और शुभम मदान भी आ गए और अजय के साथ मारपीट करने लगे. इस बीच अजय के 72 वर्षीय पिता अमर सिंह ने जब झगड़ा होते हुए देखा तो घर के नीचे आकर हुए बीच बचाव करने लगे.

इस दौरान अजय का आरोप है की राजकुमार मदान के दोनों बेटों ने उनके पिता को उठाकर सड़क पर पटक दिया, जिससे उनके सर में गंभीर चोट आई. इस बीच हमले में अजय भी गिर गए थे, लेकिन उनके दोस्त ने जब बताया कि उनके पिता के सर से खून निकल रहा है तो वह आनन फानन में उठकर पिता को अस्पताल ले गए, लेकिन एक निजी अस्पताल और दो सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पाने के कारण आखिरकार उन्हें अपने पिता को द्वारका के महाराजा अग्रसेन अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जहां उनके पिता पिछले 11 दिनों से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे.

बताया जा रहा है मदान परिवार भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालय में कार्यरत है और उनसे गाड़ी खड़ी करने को लेकर पहले भी एक दो बार कहा सुनी हुई थी, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि महज गाड़ी पार्क करने को लेकर उनके पिता की जान चली जाएगी.

Input: Rajesh Kumar Sharma

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