Colorectal Cancer Factors: बदलती लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही है. कम उम्र के लोग भी हृदय की बीमारी, डायबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की अपेत में आ रहे हैं. इन गंभीर बीमारियों में एक कोलोरेक्टल कैंसर भी है,. इसे बड़ी आंत का कैंसर कहा जाता है. हर साल इस कैंसर के कारण दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो जाती है. हालांकि एक्सपर्ट्स कहते हैं कि समय समय पर इसके कारणों का पता चलने के बाद इलाज किया जाए तो इससे होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है.
दिल्ली के पश्चिम विहार में मौजूद ‘एक्शन कैंसर अस्पताल’ में चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग के यूनिट हेड और सीनियर कंसल्टेंट डॉ कुमारदीप दत्ता चौधरी ने कोलोरेक्टल कैंसर के उन कारणों के बारे में बताया है, जिनके बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए. यह एक ऐसी बीमारी है, कोलोरेक्टल कैंसर में मलाशय की सेल्स नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं. इस असामान्य वृद्धि को पॉलीप्स भी कहा जाता है, जो कभी-कभी बड़ी आंत या मलाशय में बन जाती है और फिर धीरे-धीरे ये पॉलीप्स कैंसर में बदल सकते हैं.
कोलोरेक्टल कैंसर के कारण (Colorectal Cancer Causes)
1. 50 साल की उम्र के बाद कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ता है.
2. आनुवांशिकी यानी पारिवारिक इतिहास में इसका कारण बनता है.
3. अगर आप पहले से ही आंत की बीमारी से जूझ रहे हैं तो इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
4. कम फाइबर इंटेक करना और मोटापा भी इसका कारण बनते हैं.
5. जो लोग अधिक शराब और धूम्रपान का सेवन करते हैं. उन्हें अधिक खतरा होता है.
6. कोलन कैंसर के खतरे के लिए मुख्य कारकों में प्रदूषण भी है, जो दिल्ली में ज्यादा होता है.
डॉ कुमारदीप दत्ता चौधरी कहते हैं कि इन दिनों युवाओं में भी कोलन कैंसर बढ़ रहा है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें में वायु प्रदूषण, फैमिली हिस्ट्री और हाई कोलेस्ट्रॉल आदि शामिल हैं. मोटापा, नींद की कमी, उल्टा सीधा खानपान और शारीरिक गतिविधि की कमी भी इस कैंसर का खतरा बढ़ाती है. नीचे जान लेते हैं कि किन वजहों से यह कैंसर हो सकता है. दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति किसी से छिपी नहीं है, ऐसे में यहां के लोगों को हेल्दी लाइफ स्टाइल को फॉलो करना चाहिए.
कोलोरेक्टल कैंसर से बचने के टिप्स (Colorectal Cancer Prevention Tips)
1. शराब और धूम्रपान छोड़ दें.
2. जितना जल्दी हो सके मोटापा कम करें.
3. डेली रूटीन में एक्सरसाइज को एड करें.
4. बॉडी चेकअप समय-समय पर कराते रहें.
5. पुरानी बीमारी का जल्द से जल्द इलाज करा लें.