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Delhi News: CAIT ने पीयूष गोयल को भेजा पत्र, BIS स्टैंडर्ड लागू करने की तारीख बढ़ाने की मांग की

Delhi News: कैट ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामले में मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. उन्होंने इसमें मांग की है कि बीआईएस स्टैंडर्ड्स लागू करने की तारीख को आगे बढ़ाया जाए.

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Delhi News: CAIT ने पीयूष गोयल को भेजा पत्र, BIS स्टैंडर्ड लागू करने की तारीख बढ़ाने की मांग की
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Tarun Kumar|Updated: Apr 25, 2023, 03:03 PM IST

Delhi News: कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज केंद्रीय वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पियूष गोयल को एक पत्र भेजा है. उसमें उन्होंने आग्रह किया है कि सभी प्रकार के फुटवियर पर बीआईएस स्टैंडर्ड्स लागू करने की तारीख 1 जुलाई 2023 तय की गई है, जो आगे बढ़ाई जाए और यह मानक पहले चरण में फुटवियर निर्माताओं पर लगाए जाएं. उसके बाद जब निर्माता पूरी तरह मानकों के अनुरूप फुटवियर का निर्माण करने लग जाएं तब दुकानदारों पर यह मानक लागू किए जाएं. कैट ने यह भी आग्रह किया है कि जब तक रिटेलर्स पर यह मानक लागू नहीं हो जाते तब तक दुकानदारों के पास रखे हुए स्टॉक को बेचने पर कोई रोक टोक नहीं लगाई जाए.

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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की वाणिज्य मंत्रालय के DPIIT विभाग ने 3 जून 2022 को गजट अधिसूचना 2599 (ई) के द्वारा यह आदेश दिया था. इसमें चमड़े एवं अन्य प्रकार के मटेरियल से बने फुटवियर और गजट अधिसूचना 2600 के जरिये रबर, पॉलीमेरिक और इससे संबंधित मटेरियल से बने सभी प्रकार के फुटवियर को 1 जुलाई 2023 से अनिवार्य रूप से बीआईएस से एक लाइसेंस लेकर उपयुक्त मानकों के अनुरूप ही बनने और बेचे जाने चाहिए .

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में यह आदेश फुटवियर निर्माताओं एवं व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण बनेंगे, क्योंकि आदेश में कहीं भी यह स्पष्ट नहीं है की 30 जून 2023 तक का स्टॉक जो व्यापारियों के पास रखा होगा, उसका क्या होगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार फुटवियर निर्माताओं ने बीआईएस से लाइसेंस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन बीआईएस टेस्टिंग तथा सर्टिफिकेशन के लिए जरूरी टेस्टिंग सुविधाएं वर्तमान में अधूरी हैं. 

बीआईएस ने अभी तक प्रोडक्ट मैन्युअल नहीं घोषित किया है एवं न ही यह बताया है कि टेस्टिंग उपकरण क्या होंगे और टेस्टिंग का पैमाना एवं प्रक्रिया क्या होगी, जिसके चलते बहुत से निर्माताओं की फैक्ट्रियों में टेस्टिंग फैसिलिटी बन ही नहीं पाई है और इसके लिए उन्हें अभी और समय की जरूरत होगी.

भरतिया एवं खंडेलवाल ने सुझाव देते हुए कहा की फुटवियर मानकों को दो चरणों में लागू करना चाहिए. पहले चरण में सभी निर्माताओं को बीआईएस से लाइसेंस दिए जाएं और कम से कम 8 से 10 महीने का समय उन्हें दिया जाए, जिस अवधि के दौरान वो अपनी अपनी निर्माण इकाईओं में मानकों के अनुरूप फुटवियर बना सकें और इसी अवधि में वो अपने पास रखे स्टॉक को समाप्त कर सकें.

यह 8-10 महीने की अवधि खत्म होने के बाद दुसरे चरण में यह मानक व्यापारियों पर लागू किए जाएं. वहीं व्यापारियों को यह भी छूट दी जाए कि यदि उनके पास कोई पुराना स्टॉक है तो वो उस स्टॉक के लिए एक शपथ पत्र दाखिल करें और उस स्टॉक को मानक लागू होने के बाद भी व्यापारियों को उसे बेचे जाने की छूट दी जाए. 

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं हैं की देश में उच्च क्वालिटी का सामान ही बनना एवं बिकना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को उनके द्वारा किए गए खर्च के अनुरूप अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तु मिल सके, लेकिन इस क्रम में यह भी ध्यान रखना होगा की जो भी स्टैंडर्ड्स बनें वो देश की जमीनी हकीकत, उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेड़ियां एवं व्यापार करने के तौर तरीके के अनुरूप ही होने चाहिए. इस मुद्दे पर कैट सरकार एवं व्यापारियों के बीच एक मजबूत सेतु का काम करेगा.

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