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Atishi: माता-पिता ने आतिशी का मिडिल नेम मार्लेना क्यों रखा था, इसका मतलब क्या है?

Delhi News CM: 2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद आतिशी ने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कालकाजी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार धर्मबीर सिंह को 11,422 मतों से हराया था. वर्तमान में वह दिल्ली सरकार में बतौर शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

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Atishi: माता-पिता ने आतिशी का मिडिल नेम मार्लेना क्यों रखा था, इसका मतलब क्या है?
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Vipul Chaturvedi|Updated: Sep 17, 2024, 01:20 PM IST

Delhi New CM Atishi : शीला दीक्षित के 10 साल 9 महीने बाद दिल्ली को पहली महिला मुख्यमंत्री मिल गई हैं. अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद मंगलवार को उनके आवास पर आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई. इसमें केजरीवाल ने सीएम पद के लिए आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा. विधायकों ने सर्वसम्मति से उनके नाम पर मुहर लगा दी. अब जान लेते हैं आखिर दिल्ली की नई सीएम आतिशी कौन हैं, जिन पर अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया, कैलाश गहलोत, गोपाल राय और पत्नी सुनीता केजरीवाल से भी ज्यादा भरोसा जताया. इसके अलावा ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि आतिशी के मिडिल नेम मार्लेना का मतलब क्या है और इसे रखने की क्या वजह रही होगी. 

1981 में डीयू प्रोफ़ेसर के घर हुआ था जन्म 
आतिशी का पूरा नाम आतिशी मार्लेना सिंह है. कालकाजी से विधायक आतिशी पंजाबी फैमिली से आती हैं. उनका जन्म आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय सिंह और त्रिप्ता वाही के घर हुआ था. माता-पिता ने ही आतिशी कोई मिडिल नेम  'मार्लेना' दिया था. यह मार्क्स और लेनिन का एक मिलाजुला स्वरूप है. बता दें कार्ल मार्क्स जर्मन दार्शनिक और लेनिन रूसी क्रांतिकारी और राजनीतिक सिद्धांतकार थे. दोनों ने ही पूंजीपतियों की शोषणकारी मानसिकता को उजागर किया और मजदूर वर्ग की आवाज उठाने में अहम भूमिका निभाई थी.

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फिर मिडिल नेम हटाने की क्या वजह रही  
2018 के चुनाव से ठीक पहले आतिशी ने मिडिल और सरनेम को दैनिक उपयोग से हटा दिया. इसका कारण ये था कि वह चाहती थीं कि लोग उनके काम पर ध्यान केंद्रित करें न कि उनके वंश से. 

कितना पढ़ी लिखी हैं नई सीएम 
नई दिल्ली में पूसा रोड स्थित स्प्रिंगडेल्स स्कूल से हाई स्कूल करने के बाद आतिशी ने 2001 में सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री में ग्रेजुएशन की. इसके बाद वह आगे की शिक्षा के लिए वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चली गईं. 2003 में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर उन्होंने हिस्ट्री में मास्टर डिग्री पूरी की. 2005 में वह बतौर  रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड के मैग्डलेन कॉलेज गईं .

आम आदमी पार्टी की पुरानी कार्यकर्ता 
आतिशी जनवरी 2013 में आम आदमी पार्टी के लिए नीति निर्माण में शामिल हो गईं. वह आम आदमी पार्टी के हर आंदोलन में डटकर खड़ी रहीं. जुलाई 2015 से 17 अप्रैल 2018 तक आतिशी ने मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में काम किया. 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें पूर्वी दिल्ली से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन भाजपाउम्मीदवार गौतम गंभीर ने उन्हें 4.77 लाख वोट से हरा दिया था.

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2020 के चुनावों के बाद उन्हें गोवा इकाई के लिए पार्टी का प्रभारी बनाया गया. आतिशी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र से चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्होंने  बीजेपी उम्मीदवार धर्मबीर सिंह को 11,422 मतों से शिकस्त दी थी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद उन्हें और सौरभ भारद्वाज को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वर्तमान में वह दिल्ली सरकार में बतौर शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं. 

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