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असम CM हिमंत पर केजरीवाल का पलटवार, आपके स्कूल देखने कब आऊं, फिर कुछ नहीं बोल पाए BJP नेता

असम की कुछ स्कूलों के बंद होने की एक खबर पर सीएम केजरीवाल के ट्वीट के बाद से ही असम के सीएम हिमंत बिश्व शर्मा और अरविंद केजरीवाल के बीच ट्विटर पर जंग छिड़ गई है, दोनों सीएम एक-दूसरे पर तल्ख टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं. 

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असम CM हिमंत पर केजरीवाल का पलटवार, आपके स्कूल देखने कब आऊं, फिर कुछ नहीं बोल पाए BJP नेता
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Zee Media Bureau|Updated: Aug 27, 2022, 11:31 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और असम के सीएम हिमंत बिश्व शर्मा के बीच स्कूलों को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. दरअसल सीएम केजरीवाल ने असम की कुछ स्कूलों के बंद होने की एक खबर के लिंक के साथ ट्वीट किया था कि देश में और स्कूल खोलने की जरूरत है बंद करने की नहीं. उसके बाद से दोनें सीएम के बीच ट्विटर पर जंग छिड़ गई है. 

असम के सीएम ने बताया बिना तैयारी वाला बयान
सीएम अरविंद केजरीवाल के ट्वीट को असम के सीएम ने बिना तैयारी वाला ट्वीट बताया, जिसके बाद सीएम केजरीवाल ने जवाब में कहा कि उनका इरादा गलतियां निकालने का नहीं था. हम सब एक देश हैं. हमें एक दूसरे से सीखना है, तभी तो भारत नम्बर वन देश बनेगा. इसके साथ ही केजरीवाल ने असम में जाकर वहां शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कामों को देखने की बात कही. 

 

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असम के सीएम ने किया एक और ट्वीट
असम के सीएम ने असम की शिक्षा व्यवस्था को दिल्ली से बेहतर बताते हुए सीएम केजरीवाल पर निशाना साधा. साथ ही कहा कि देश को नंबर-1 बनाने का काम पीएम मोदी कर रहे हैं, केजरीवाल को उसकी चिंता छोड़ देनी चाहिए.  

 

सीएम केजरीवाल ने कहावत से साधा निशाना
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहावत कहते हुए असम के सीएम पर निशाना साधा और कहा कि हमारे यहां कहावत है, कोई पूछे “मैं कब आऊं” और आप कहें “कभी भी आ जाओ” इसका मतलब होता है “कभी मत आओ”. मैंने आपसे पूछा “आपके सरकारी स्कूल देखने कब आऊं” आपने बताया ही नहीं. बताइए कब आऊं, तभी आ जाऊंगा. 

 

महंगाई की वजह बताई, विधायकों की खरीद फरोख्त 
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए देश में लगातार बढ़ रही महंगाई को विधायकों की खरीद फरोख्त से जोड़ते हुए कहा कि 'दही, छाछ, शहद, गेहूं, चावल आदि पर अभी जो GST लगाया गया, उस से केंद्र सरकार को 7500 cr सालाना आएगा. सरकारें गिराने पर अभी तक इन्होंने 6300 cr खर्च किया. अगर ये सरकारें ना गिराते तो गेहूँ, चावल, छाछ आदि पर GST ना लगाना पड़ता. लोगों को महंगाई का सामना ना करना पड़ता'.

 

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