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लोधी गार्डन जैसा बनाया जाएगा 400 साल पुराना रोशनआरा बाग, मिलेंगे विश्वस्तरीय पौधे

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को उत्तरी दिल्ली के 400 साल पुराने ऐतिहासिक रोशनआरा बाग का दौरा किया. उनके साथ  विशेष अधिकारी, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली नगर निगम के आयुक्त, निगम के इंजीनियर और बागवानी विभाग के प्रमुख भी शामिल थे.

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लोधी गार्डन जैसा बनाया जाएगा 400 साल पुराना रोशनआरा बाग, मिलेंगे विश्वस्तरीय पौधे
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Zee Media Bureau|Updated: Jun 19, 2022, 01:53 AM IST

तरुण कालरा/नई दिल्ली : उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को उत्तरी दिल्ली के 400 साल पुराने ऐतिहासिक रोशनआरा बाग का दौरा किया. उनके साथ  विशेष अधिकारी, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली नगर निगम के आयुक्त, निगम के इंजीनियर और बागवानी विभाग के प्रमुख भी शामिल थे. उन्होंने अधिकारियों को 57 एकड़ भूमि में फैले रोशनआरा बाग को पारिस्थितिक एवं प्राकृति उद्यान के रूप में समृद्ध और पुनर्विकसित करने के निर्देश दिए ताकि इसका प्रारूप लोधी गार्डन या नेहरू पार्क जैसा हो सके.

इस दौरान उन्होंने कहा कि तीन माह के भीतर वहां चिन्हित 8.5 एकड जमीन पर अन्य पौधों के अलावा दुर्लभ और एक्सोटिक पौधों और फूलों की विश्वस्तरीय नर्सरी विकसित की जाए. उन्होंने बाग में यहां-वहां पड़े मलबे और निर्माण और विध्वंस से उपजे (सीएंडडी) वेस्ट हटाकर इस पर तुरंत काम शुरू करने के निर्देश दिए. 

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पौधरोपण के लिए 3 लाख पौधे उपलब्ध होंगे 

इस नर्सरी से शहरभर में पौधरोपण के लिए न केवल सालाना 3 लाख पौधे उपलब्ध होंगे, बल्कि दिल्ली के आम लोगों को कम दाम में ऐसे पौधे उपलब्ध हो सकेंगे. 3.8 एकड़ परिसर में फैली मृत झील (जो कि सिल्ट और जंगली घासफूस से भरी हुई है) के पुनर्विकास के कार्यों की शुरुआत करते हुए उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस झील का पुराना गौरवशाली स्वरूप बहाल किया जाए. 

 जीवों के संरक्षण पर जोर 

सक्सेना ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि झील की खुदाई और सफाई कम से कम चार मीटर तक की जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यह एक प्राकृतिक जल निकाय के रूप में रूप में विकसित हो, ताकि यह न केवल आगंतुकों का आकर्षण बने, बल्कि एक ईको-सिस्टम के रूप में भी विकसित हो. इसके अलावा इससे  विभिन्न वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण और संवर्द्धन हो. 

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जलभराव से मुक्ति दिलाएगी झील 

जब उपराज्यपाल को बताया गया कि बारिश का पानी झील को भरने में पर्याप्त नहीं होगा तो उन्होंने निर्देश दिया कि आसपास के क्षेत्र जैसे रोशनआरा रोड, शक्ति नगर, कमला नगर और अंधा मुगल, जो कि बाढ़ और जलभराव से ग्रसित रहते हैं और बाग के कैचमेंट में हैं, उनका पानी चैनलों और पाइपलाइनों के माध्यम से झील में लाया जाए. साथ ही जो मिट्टी झील की सतह से निकलेगी, उससे झील के चारों ओर 4 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाए.

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उन्होंने कहा कि इससे बने तटबंधों को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए भलस्वा लैंडफिल साइट से लाकर सीएंडडी वेस्ट का उपयोग किया जाए. इससे जहां एक ओर लैंडफिल साइट पर बोझ कम होगा, वहीं यह भी सुनिश्चित होगा कि बांध की मिट्टी दोबारा झील में वापस नहीं जाएगी. उन्होंने निर्देश दिया कि यह कार्य एक माह की भीतर पूरा कर लिया जाए. 

उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि यहां पैदल मार्ग बनाए जाएं. पेड़ों की कटाई-छंटाई कर उन्हें आकार दिया जाए और मिट्टी एवं जलवायु के अनुरूप साइंटिफिक प्लांटेशन और लैंड स्केपिंग सुनिश्चित की जाए ताकि यह न केवल आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए ही बल्कि पूरे शहर का पसंदीदा स्थल बने. सक्सेना ने जोर देकर कहा कि रोशनआरा बाग परिसर के पुनर्विकास, पुनरोद्धार और कायकल्प का पूरा काम अक्टूबर के अंत तक पूरा कर लिया जाए.

 

 

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