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छठ पूजा को लेकर हंगामा, कहीं पुलिस से विवाद, तो कहीं मनाही के बाद पहुंचे श्रद्धालु

Chhath Puja 2022: दिल्ली में यमुना घाट पर छठ पूजा की अनुमति मिलने के बाद भी श्रद्धालु घाटों पर पूजा नहीं कर पा रहे हैं. शुक्रवार को कालिंदी कुंज घाट पर DM ने NGT के नियमों का हवाला देते हुए पूजा-पाठ पर रोक लगा दी, वहीं आज वजीराबाद में पूजा से रोकने पर पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच झड़प की खबर सामने आई है.  

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छठ पूजा को लेकर हंगामा, कहीं पुलिस से विवाद, तो कहीं मनाही के बाद पहुंचे श्रद्धालु
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Zee Media Bureau|Updated: Oct 29, 2022, 12:02 PM IST

नई दिल्ली: छठपूजा के महापर्व पर राजधानी दिल्ली सहित देशभर में भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है, दिल्ली में छठ पूजा के लिए 1100 घाटों को रजिस्टर किया गया है. शुक्रवार को छठ पर्व की शुरुआत के साथ ही व्रती यमुना घाटों में स्नान के लिए पहुंचे थे, जहां पर गंदगी का अंबार नजर आया, इस बीच गंदगी और झाग वाले पानी के बीच लोग स्नान करते नजर आए. पर्व के दूसरे दिन LG वीके सक्सेना और मंत्री कैलाश गहलोत घाट का जायजा लेने पहुंचे. 

दिल्ली सरकार की ओर से भलस्वा झील पर करीब दो दशक से छठ महापर्व का सार्वजनिक आयोजन कराया जा रहा है. कोरोना काल के दौरान सार्वजनिक तौर पर छठ पर्व मनाने पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब एक बार फिर लोगों को सार्वजनिक रूप से छठ के आयोजन की अनुमति दी गई. शनिवार को LG वीके सक्सेना और मंत्री कैलाश गहलोत घाट का जायजा लेने पहुंचे.   

भलस्वा झील के आस-पास गंदगी का अंबार नजर आया, वहीं इस पूरे मामले में LG ने कहा कि इस साल समय कम होने के करना सफाई का काम सही से नही हुआ है. जल्द ही इसकी सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही LG ने लोगों से नियमों का पालन करते हुए पूजा करने की बात कही.   

शुक्रवार को यमुना के कालिंदी कुंज घाट पर DM ने NGT के नियमों का हवाला देते हुए पूजा-पाठ पर रोक लगा दी थी, बावजूद इसके आज लोग कालिंदी कुंज घाट पर दूषित पानी में स्नान करते नजर आए. 

वजीराबाद में पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच विवाद की खबर सामने आई. दरअसल श्रद्धालुओं ने यमुना घाट पर जाकर पूरी तैयारी की और उसके बाद प्रशासन ने श्रद्धालुओं को छठ पर्व मनाने से रोक दिया, जिसको लेकर श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच में विवाद हो गया. श्रद्धालुओं ने दिल्ली सरकार और प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कि जब यमुना घाट पर छठ महापर्व मनाने ही नहीं देना था, तो तैयारी करने का समय क्यों दिया. 

वजीराबाद स्तिथ शामघाट पर श्रद्धालु 15 दिन से छठ महापर्व को मनाने के लिए घाट की सफाई कर अपना-अपना स्थान सुनिश्चित कर रहे थे, जिससे सामूहिक तौर पर छठ महापर्व को मना सकें. कुछ ही वक्त पहले प्रशासन ने आकर छठ महापर्व मनाने के लिए श्रद्धालुओं को रोक दिया और कृत्रिम तालाब बना दिए. छठ महापर्व मनाने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि लाखों की संख्या में लोग यमुना किनारे छठ मनाने के लिए आते हैं. घाटों पर काफी भीड़ होती है, छोटे-छोटे तालाब में किस तरह से लोग पर्व को मना पाएंगे. यमुना में हादसे होते हैं, तो प्रशासन कुछ नहीं कर पाता और जब श्रद्धालु शांति ओर सदभाव के पर्व साथ मना रहे हैं तो उनके आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्हें प्रशासन रोक देता है. लोगों का कहना है कि वह बिहार से दिल्ली आए हैं, यहां पर रहकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. अब वो छठ महापर्व मनाने बिहार नहीं जा सकते. 

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