trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana01874219
Home >>Delhi-NCR-Haryana

Car Theft: पिछले 8 साल से 3 से 4 मिनट में लग्जरी कार चुराते थे इस गैंग के सदस्य, कई राज्यों में फैला था नेटवर्क

Car Theft: डीसीपी ने बताया कि इस गैंग के सदस्यों का काम बंटा हुआ था. मो0 फरमान एवं राशिद काला जो कि कारों की चाबी क प्रोग्रामिंग के एक्सपर्ट हैं. गैंग के अन्य सदस्य साहिबजादा व मोनू उर्फ जमशेद चोरी के दौरान निगरानी करते हैं ताकी कोई खतरा आने पर साथियों को सतर्क कर सके.

Advertisement
Car Theft: पिछले 8 साल से 3 से 4 मिनट में लग्जरी कार चुराते थे इस गैंग के सदस्य, कई राज्यों में फैला था नेटवर्क
Stop
Balram Pandey|Updated: Sep 16, 2023, 01:11 PM IST

Noida Crime: नोएडा कोतवाली सेक्टर 20 और कोतवाली फेज वन की पुलिस ने ऑन डिमांड गाड़ियों की चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गद्दू गैंग का का पर्दाफाश करते हुए गैंग के सरगना समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके कब्जे से दस लग्जरी गाड़ी, गाड़ी की चाबी बनाने वाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, कार चोरी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण, पिस्टल तमंचा और कारतूस बरामद किया है. 

पुलिस ने की कार्रवाई
पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गद्दू गैंग के का पर्दाफाश किया है, जिनमें साकिब उर्फ गद्दू, मौ0 इमरान उर्फ टट्टी, मोनू उर्फ जमशेद, मौ0 फरनाम, राशिद उर्फ काला, मौ0 साहिबजादा, रोहित मित्तल रंजीत सिंह को पुलिस ने सेक्टर 18 से गिरफ्तार किया गया है. ये सभी कितने शातिर अपराधी थे इसका नमूना इन बदमाशों ने एक कार की लॉक को तोड़कर कंप्यूटर डिवाइस के माध्यम से नई चाबियां बनाकर मीडिया के सामने प्रदर्शित किया. डीसीपी नोएडा हरीश चंद्र ने बताया कि इन बदमाशों के निशाने पर नई-नई लग्जरी गाड़ियां होती थीं, जो ये ऑन डिमांड चोरी करते थे और चोरी की कारों को बेचते थे, जिसमें फॉर्च्यूनर को 8-10 लाख रुपये में, स्कॉर्पियो को 5-6 लाख में, क्रेटा को 3-4 लाख में और, ब्रेजा और स्विफ्ट को 1-2 लाख रुपये में डिमांड के आधार पर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने अन्य साथी रोहित मित्तल, रंजीत, बप्पा को बेचकर पंजाब, जयपुर, हैदराबाद जैसे स्थानों पर भेज देते थे.

ये भी पढ़ें: Monu Manesar: हत्या के बाद बैंकॉक में फरारी काट रहा था मोनू मानेसर, राजस्थान पुलिस ने खोले अय्याशी के राज

3-4 मिनट में करते थे गाड़ी चोरी
डीसीपी ने बताया कि इस गैंग के सदस्यों का काम बंटा हुआ था. मो0 फरमान एवं राशिद काला जो कि कारों की चाबी क प्रोग्रामिंग के एक्सपर्ट हैं. गैंग के अन्य सदस्य साहिबजादा व मोनू उर्फ जमशेद चोरी के दौरान निगरानी करते हैं ताकी कोई खतरा आने पर साथियों को सतर्क कर सके. एक सदस्य मो0 इमरान कार को स्टार्ट रखकर भागने के लिए तैयार रहता था. इसके साथ ही मो0 फरमान द्वारा उस कार को टीम के ही एक सदस्य को देकर उस बताए गए स्थान पर मिलने के लिए कहता था, जिसके बाद वह सदस्य कार को लेकर वहां से चला जाता था और बचे हुए सदस्य अन्य कारों को चोरी करने के लिए पुनः निकल जाते थे. कार चोरी की प्रक्रिया करने में 3-4 मिनट लगते हैं. इसके बाद एक दिन में कम से कम दो से तीन गाड़ियों को चुरा कर बताए गए स्थान पर आपस में मिलते थे, जिसके बाद गद्दू गैंग के सदस्य उन गाड़ियों को एक या दो दिन के लिए कहीं खड़ी कर देते थे और मामला शांत होने पर गाड़ी का नंबर प्लेट को बदल कर दस्तावेज तैयार कर अपने अन्य साथी रोहित मित्तल, रंजीत, बप्पा को बेचकर पंजाब, जयपुर, हैदराबाद जैसे स्थानों पर बेच देते थे.

2015 से कर रहे थे ऑपरेट
इन बदमाशों का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ था और यह ग्रुप पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था, क्योंकि पकड़े जाने के बावजूद यह बदमाश जेल से छूटते ही अपने धंधे में लग जाते थे. साल 2015 से का यह गैंग ऑपरेट कर रहा था और सैकड़ों गाड़ियों को इस दौरान चोरी कर बेच चुका है.

Read More
{}{}