Beating Retreat Ceremony 2023: गणतंत्र दिवस के बाद हर साल 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट (Beating Retreat Ceremony) समारोह का आयोजन किया जाता है, आज शाम विजय चौक पर इसके आयोजन के साथ ही का गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह समाप्त हो जाएगा. इस आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे.
क्या होती है बीटिंग रिट्रीट?
'बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी' को सेना की वापसी का प्रतीक माना जाता है, जो दुनियाभर में होती है.लड़ाई में सूर्यास्त के बाद सेनाएं हथियार रखकर शाम को अपने कैंप में वापस आ जाती थी. उस दौरान एक म्यूजिकल सेलिब्रेशन किया जाता था, इसे ही बीटिंग रिट्रीट कहा जाता है.
भारत में कब हुई शुरुआत
भारत में 'बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी' की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, उस समय भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने इसे सेनाओं के बैंड्स के डिस्प्ले के साथ किया था.
सबसे बड़े ड्रोन शो का होगा आयोजन
इस साल की बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी बेहद खास रहने वाली है, आज पहली बार इसमें 3,500 स्वदेशी ड्रोन अपना करतब दिखाएंगे. ये देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन शो होगा. इस शो में राष्ट्रीय घटनाओं की झांकियों को सबके सामने प्रदर्शित किया जाएगा.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार,'बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी' के आयोजन में सेना के तीनों अंग और राज्य पुलिस व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के संगीत बैंड द्वारा 29 धुनों को बजाया जाएगा. इसकी शुरुआत अग्नीवीर धुन के साथ होगी.
समारोह में बजाई जाएंगी 29 धुनें
'बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी'की शुरुआत 'अग्नीवीर' धुन के साथ होगी जिसके बाद 'अल्मोड़ा', 'केदारनाथ', 'संगम दूर', 'सतपुड़ा की रानी', 'भागीरथी', 'कोंकण सुंदरी' जैसी धुनें बजाई जाएंगी. रक्षा मंत्रालय के अनुसार वायु सेना के बैंड 'अपराजेय अर्जुन', 'चरखा', 'वायु शक्ति', 'स्वदेशी' धुन बजाएंगे. नौसेना के बैंड 'एकला चलो रे', 'हम तैयार हैं' और 'जय भारती' की धुनें बजाएंगे. इंडियन आर्मी का बैंड 'शंखनाद', 'शेर-ए-जवान', 'भूपाल', 'अग्रणी भारत', 'यंग इंडिया', 'कदम कदम बढ़ाए जा', 'ड्रमर्स कॉल' और 'ऐ मेरे वतन के' धुन बजाएगा. इस कार्यक्रम का समापन 'सारे जहां से अच्छा' की धुन के साथ किया जाएगा.