Home >>Delhi-NCR-Haryana

Atiq-Ashraf Murder के बाद पत्रकारों को मिलेगी सुरक्षा, MHA जारी करेगा नई गाइडलाइन

अतीक और उसके भाई अशरफ हत्याकांड (Atiq and Ashraf Murder Case) के बाद पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कवरेज के दौरान गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए जा रहे हैं. स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानि एसओपी (Standard Operation Procedure- SOP) तैयार किया जा रहा है.

Advertisement
Atiq-Ashraf Murder के बाद पत्रकारों को मिलेगी सुरक्षा, MHA जारी करेगा नई गाइडलाइन
Stop
Zee Media Bureau|Updated: Apr 17, 2023, 07:49 PM IST

Atiq Ahmed Murder: अतीक और उसके भाई अशरफ हत्याकांड (Atiq and Ashraf Murder Case) के बाद पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कवरेज के दौरान गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए जा रहे हैं. स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानि एसओपी (Standard Operation Procedure- SOP) तैयार किया जा रहा है. नया SOP किस तरह से होगा और उनमें पत्रकारों की रिपोर्टिंग के दौरान सुरक्षा का किस तरह से ख्याल रखा जाएगा इसको लेकर गाइडलाइन जारी की जाएगी.

सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय द्वारा जारी होने वाली गाइडलाइन में इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा कि पत्रकारों को रिपोर्टिंग के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो और साथ ही उनकी सुरक्षा का भी ख्याल रखा जा सके.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के दिशा निर्देश के बाद गृह मंत्रालय के अधिकारी पत्रकारों के लिए नए SOP बनाने के काम में जुट गए हैं. यह कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय के तीन से चार बड़े अधिकारियों को SOP बनाने की जिम्मेदारी दी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि जो नई गाइडलाइन बन रही हैं उसके मुताबिक संवेदनशील जगहों या अपराधियों की रिपोर्टिंग के दौरान स्थानीय पुलिस ये सुनिश्चित करेगी कि उन्ही पत्रकारों को घटनास्थल तक जाने की इजाजत दी जाए. जिनके पास उनके संस्थान या प्रदेश के वैध पहचान पत्र हो. 

ये भी पढ़ें: Gurugram के सरकारी अस्पताल का हाल, 21 घंटे बत्ती गुल होने से मरीज रहे बेहाल

अपराधियों का संवेदनशील जगहों की रिपोर्टिंग के दौरान पुलिस को ये दिशा निर्देश दिया जाएगा कि पत्रकारों के लिए खास सिक्युरिटी रिंग बनाया जाए जहां से वो अपनी रिपोर्टिग कर सकें. अनाधिकृत लोगों को कवरेज स्पॉट से दूर रखा जाए, यह स्थानीय पुलिस सुनिश्चित करेगी. पत्रकारों के वाहनों के पास कोई अनाधिकृत शख्स न दिखे. इसका भी नई गाइडलाइंस में जिक्र होगा.

खासतौर पर TV से जुड़े पत्रकारों की तरफ से किसी गाड़ी या अपराधी का पीछा करने के दौरान एक सुरक्षित दूरी पर मीडिया की गाड़ियो को रखने के लिए कहा जाएगा. स्थानीय पुलिस यह पहले से जानकारी जुटा ले कि उस स्पॉट पर संभावित कितने पत्रकारों की टीम उप्लब्ध रहेगी.

कवरेज के बाद पत्रकारों के लिए बाहर निकलने का सुरक्षित रूट हो यह स्थानीय पुलिस सुनिश्चित करेगी. सूत्रों के मुताबिक दिशा निर्देश बनाने वाली टीम में गृह मंत्रालय के आला अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होंगे. संबंधित एजेंसी उसे भी इनपुट किया जाएगा, जिसमें राज्यों के पुलिस खुफिया विभाग और अर्धसैनिक बलों के नुमाइंदे शामिल होंगे. कुल मिलाकर गंभीर वारदात को कवरेज की आड़ में पत्रकार बनकर अपराधी न अंजाम दें इसमें उस हर पहलू को ध्यान में रखा जाएगा.

Input: मनीष शुक्ला

{}{}