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Delhi Pollution: कहां गया केजरीवाल का ऑड-ईवन? दिल्ली-एनसीआर को है इसकी सख्त जरूरत

Delhi Air Pollution AQI: दिल्ली में प्रदूषण ने एक तरह से लॉकडाउन लगा दिया है. लेकिन, अभी तक जो भी कदम उठाए गए हैं वो नाकाफी साबित हो रहे हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ कड़े फैसले लिया जा सकते हैं.

Delhi Pollution: कहां गया केजरीवाल का ऑड-ईवन? दिल्ली-एनसीआर को है इसकी सख्त जरूरत
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Sumit Rai|Updated: Nov 06, 2023, 12:20 PM IST

Delhi Odd-Even: दिल्ली की आबोहवा में सुधार के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं. हर घंटे के साथ प्रदूषण में बढ़ोतरी जारी है. धुंध और कोहरे से दिन में सूरज नजर नहीं आ रहा. सड़क पर चलने के लिए लोगों को रोशनी का सहारा लेना पड़ रहा है. दिल्ली में प्रदूषण के कारण हाल बेहाल हो गया है और AQI 500 पार चला गया है. लेकिन, इससे ज्यादा हालत गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में गंभीर है. नोएडा में औसत AQI 600 पार चला गया है. वहीं, गुरुग्राम में भी 500 से ऊपर है, जबकि दिल्ली में यह 500 के करीब पहुंच गया है. ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि प्रदूषण पर किस तरह काबू पाया जाए.

क्या फिर से लागू होगा ऑड-ईवन?

दिल्ली के कई इलाकों में तो AQI 600 से ज्यादा हो गया है. लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. दिल्ली में प्रदूषण ने एक तरह से लॉकडाउन लगा दिया है. लेकिन, अभी तक जो भी कदम उठाए गए हैं वो नाकाफी साबित हो रहे हैं. अब इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या दिल्ली में फिर से ODD-EVEN लागू होगा. दिल्ली में बढ़े प्रदूषण को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय समेत बड़े अधिकारी मौजूद रहेंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में कुछ कड़े फैसले लिया जा सकते हैं. माना जा रहा है कि वर्क फ्रॉम होम का फैसला हो सकता है. इसके साथ ही सड़क पर ऑड ईवन का फैसला भी लिया जा सकता है.

ऑड-ईवन से कितना होगा फायदा?

दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में कुल 79.17 पंजीकृत वाहन हैं. दिल्ली विधानसभा में पेश रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया था कि राजधानी में प्रति हजार लोगों पर 472 गाड़ियां पंजीकृत हैं. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में करीब 52 लाख दोपहिया वाहन और 20.76 लाख कार रजिस्टर्ड हैं. इसके अलावा 93500 ऑटो, 85033 टैक्सी, 17522 बसें, 1145 एबुलेंस, 2.61 लाख ढुलाई वाहन और 1.14 अन्य सवारी वाहन रजिस्टर्ड हैं. यानी अगर ऑड-ईवन लागू किया जाता है तो दिल्ली की सड़क पर कारों की संख्या आधी हो जाएगी और इससे करीब 15 प्रतिशत तक प्रदूषण कम किया जा सकता है.

सरकार ने लागू किया ग्रैप-4

दिल्ली में प्रदूषण खराब से बेहद खराब से आगे बढ़कर अब खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. सरकार ने भी प्रदूषण के स्तर के मुताबिक, पहले ग्रैप थ्री और अब ग्रैप 4 लागू कर दिया है. इसके तहत दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद हो गई है. क्लास 6 और उसके ऊपर भी स्कूल बंद रहेंगे, जबकि छठी क्लास से नीचे के स्कूल पहले से बंद थे. 

प्रदूषण की मार से दिल्ली-एनसीआर का इलाका जहरीली गैस का चैंबर बन गया है. दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण के जो आंकड़े आज रिकॉर्ड किए गए वो बेहद ही डरावने दिखे. दिल्ली कई इलाकों में आज AQI 600 के पार पहुंच गया और आंकड़ों में तो इस समय दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है. प्रदूषण के जहर का असर सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि नोएडा और गुरुग्राम के इलाकों में भी प्रदूषण की मार नजर आ रही है. लोगों को अब इस बात की चिंता है कि अगर प्रदूषण बढ़ा तो बीमारियां भी और बढ़ेंगी.

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