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बिधूड़ी के खिलाफ दानिश अली का 'विशेषाधिकार हनन' दांव, इंदिरा गांधी को जाना पड़ा था सलाखों के पीछे

Ramesh Bidhuri Danish Ali Row: महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी एमपी रमेश बिधूड़ी अपनी बात रख रहे थे. उस दौरान बीएसपी सांसद दानिश अली ने टिप्पणी की तो वो बिफर पड़े. नाराजगी की बात तो अलग थी लेकिन उनकी जबान भी फिसल गई. उन्होंने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया जिसके बाद सियासत गरमा गई है. विपक्षी दल विशेषाधिकार हनन का हवाला देकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. 

बिधूड़ी के खिलाफ दानिश अली का 'विशेषाधिकार हनन' दांव, इंदिरा गांधी को जाना पड़ा था सलाखों के पीछे
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Lalit Rai|Updated: Sep 23, 2023, 01:55 PM IST

What is Special Privilege: नेताओं की जुबान वैसे तो फिसलती ही रहती है. कोई एक दल भी अछूता नहीं है, हालांकि नेताओं की फिसलती जुबां का नाता रिश्ता सड़क की राजनीति तक सीमित रहता है लेकिन यहां मामला थोड़ा अलग है, मौका महिला आरक्षण बिल का था. बिल पर चर्चा के दौरान नेता अपनी बात रख रहे थे उनमें से एक बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी (Ramesh Bidhuri) थे. बिधुड़ी जब अपनी बात रख रहे थे उसी दौरान बीएसपी सांसद दानिश अली(Danish Ali) ने कुछ कमेंट किया और वो नाराज हो गए. नाराजगी में बिधुड़ी ने दानिस अली के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया. हल्ला मचा तो स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही से उन हिस्सों को हटवा दिया. हालांकि अब सियासत विशेषाधिकार हनन पर टिक गई है. अब जब बात विशेषाधिकार हनन की कर रहे हैं तो भारतीय राजनीति के एक खास वाक्या का जिक्र करेंगे जिसका नाता इंदिरा गांधी(Indira Gandhi) से जुड़ा है. 

दानिश अली की मांग

बीएसपी सांसद दानिश अली ने स्पीकर ओम बिरला को खत लिखकर पूरे मामले को विशेषाधिकार समिति(Special Privilege) के पास भेजने की अपील की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो बिधुड़ी के खिलाफ संसदीय नियमों 222, 226 और 227 के तहत नोटिस भी देना चाहते हैं. यूपी के अमरोहा से बीएसपी सांसद दानिश अली ने कहा कि इस मामले में 227 के तहत कार्रवाई की जाए. यहां हम बताएंगे कि यह नियम क्या है.

क्या होता है विशेषाधिकार हनन 

अनुच्छेद 105 के तहत संसद के दोनों सदनों के सदस्यों, समितियों की शक्तियों और विशेषाधिकार का जिक्र है हालांकि इसके तय किए जाने की प्रक्रिया साफ नहीं है. आम तौर पर यदि सदन के अंदर कोई सदस्य कार्यवाही के दौरान किसी दूसरे सदस्य के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करे, मानहानि करे  तो उसे सदन के विषेशाधिकार का उल्लंघन माना जाता है. दानिश अली ने इन्हीं प्रक्रियाओं का हवाला देते हुए विशेषाधिकारी समिति को भेजने की अपील की है.

इंदिरा गांधी को जाना पड़ा था जेल

विशेषाधिकार हनन मामले में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को तो जेल तक जाना पड़ा. बात आपातकाल के बाद की है. उस समय जनता पार्टी की सरकार थी और चौधरी चरण सिंह(Choudharu Charan Singh) गृह मंत्री थे. उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाए. चरण सिंह ने आपातकार के दौरान ज्यादितियों पर जस्टिस शाह की रिपोर्ट को आधार बनाया था, विशेषाधिकार हनन के मामले में वो दोषी पाई गईं और जेल तक जाना पड़ा.

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