trendingNow12019408
Hindi News >>देश
Advertisement

JN.1 Variant: केरल के बाद अब इन दो राज्यों में मिले जेएन.1 वेरिएंट के केस, क्या वाकई बड़ा है खतरा ?

Covid Cases in India: भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए कोरोना वायरस के जेएन.1 वेरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है. इस वेरिएंट के 18 मामले गोवा, एक केस महाराष्ट्र और एक केस केरल से मिला है. इंसाकॉग का कहना है कि फिलहाल कोविड के बढ़ते मामलों को सीजनल पैटर्न के तौर पर देखा जाना चाहिए.

JN.1 Variant: केरल के बाद अब इन दो राज्यों में मिले जेएन.1 वेरिएंट के केस, क्या वाकई बड़ा है खतरा ?
Stop
Lalit Rai|Updated: Dec 20, 2023, 09:55 AM IST

Coroanvirus Latest News:  11 दिसंबर को देश में कोरोना के कुल एक्टिव केस 938 थे. लेकिन मंगलवार यानी 19 दिसंबर तक ये आंकड़े बढ़कर दो हजार के करीब पहुंच चुके हैं. यानी कि सिर्फ 9 दिन में कोरोना केस में दोगुने का इजाफा हुआ है. केरल में कोरोना के वेरिएंट जेएन.1 के मिलने के बाद एक्टिव केस में इजाफा हुआ है. इन सबके बीच इंसाकॉग (सेंट्रल गवर्नमेंट फोरम लैब्स) के मुताबिक जेएन.1 के 19 और सिक्वेंस मिले है जिसमें एक महाराष्ट्र और 18 गोवा से हैं. जानकारों का कहना है कि अमेरिका समेत जिन देशों में कोरोना के मामले सामने आए हैं उसके लिए यह वेरिएंट जिम्मेदार है.

वेस्ट वाटर जांच से जेएन.1 की पुष्टि

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक आईएमए के को चेयरमैन डॉ राजीव जयदेवन बताते हैं कि जेएन.1 वेरिएंट की वजह से पश्चिमी देशों में कोरोना केस बढ़े हैं. इसकी पुष्टि वेस्ट वाटर की जांच से भी पुष्ट होती है.  उनके मुताबिक टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी बेंगलुरु ने वेस्टवाटर पर निगरानी की और यह पाया कि बढ़ते हुए केस के लिए जेएन.1 ही जिम्मेदार है. कोरोना केस में उछाल के मामले स्वाभाविक तौर पर 10 दिन के अंदर दिखाई देने लगते हैं लेकिन इसके लिए हमें प्रभावी टेस्टिंग पर ध्यान देना होगा. केरल में जो हाल ही में एक मरीज की मौत हुई है उसके लिए कोविड अकेले जिम्मेदार नहीं है बल्कि पहले से जो रोग थे उनकी भी भूमिका अहम थी.

गोवा में जेएन.1 के 18 केस, केरल-महाराष्ट्र में एक एक मामले

गोवा से जेएन.1 के जो 18 मामले क्लस्टर केस के उदाहरण हैं जो हाल ही में फिल्म फेस्टिवल की वजह से सामने आए. महाराष्ट्र में भी जो एक केस सामने आया है गोवा की सीमा के करीब से आया है, हालांकि इसका अभी क्लिनिकल प्रभाव के बारे में अधिक जानकारी नहीं है. हमें ऐसा नहीं लगता कि अभी बहुत अधिक चिंतित होने की जरूरत नहीं है. भारत में कोविड केस के जो मामले सामने आए हैं वो सीजनल या ठंड की वजह से है.

ओमिक्रॉन वंश का है जेएन.1
मुबंई के विश्वनाथ केयर फाउंडेशन में रिसर्चर विनोद सकारिया के मुताबिक जेएन.1, ओमिक्रॉन वंश का है. इसकी पहचान अगस्त 2023 में बीए.2.86 के अध्ययन के दौरान हुई थी. इंसाकॉग के मुताबिक जेएन.1 के कुल 20 सिक्वेंस सामने आए हैं जिसमें 18 गोवा, एक महाराष्ट्र और एक केरल से है. यही नहीं गोवा से बीए.2.86 का एक केस सामने आया है. डॉ जयदेवन बताते हैं कि अप्रैल 2023 में इंसाकॉग इंडिया द्वारा रिपोर्ट की गई बड़ी संख्या में एक्सबीबी अनुक्रमों की तुलना में यह एक पूरी तरह से नई वैरिएंट प्रोफाइल का खुलासा करता है. इस प्रकार सात महीने के अंतराल के बाद भारत में कोविड फिर से बढ़ रहा है. इसका अर्थ यह है कि संक्रमण के ताजा मामले पूरी तरह से नए सब वेरिएंट की वजह से है जो BA.2.86 से उत्पन्न हुआ है. इसे पहली बार जुलाई 2023 में स्कैंडिनेवियन देशों में पाया गया था. 

Read More
{}{}