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Congress President Election: शशि थरूर ने हार के बाद भी हासिल की ये बड़ी उपलब्धि, मिला जश्न मनाने का मौका

Shashi Tharoor: कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव (Congress President Election) में शशि थरूर को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने एक खास उपलब्धि हासिल की है.

Congress President Election: शशि थरूर ने हार के बाद भी हासिल की ये बड़ी उपलब्धि, मिला जश्न मनाने का मौका
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Zee News Desk|Updated: Oct 20, 2022, 01:10 PM IST

Shashi Tharoor Vote Percentage: कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव (Congress President Election) में बुधवार को मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) जीत हासिल की और शशि थरूर (Shashi Tharoor) को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बावजदू उन्हें जश्न मनाने का एक बड़ा मौका मिला है. शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर काबिज नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने हार के बावजदू एक बड़ी उपलब्धि हासिल की और चुनाव की वजह से उन्हें बड़ा फायदा हुआ है.

हारने के बावजूद शशि थरूर ने हासिल की ये उपलब्धि

मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव (Congress President Election) में शशि थरूर (Shashi Tharoor) को बड़े अंतर से मात दी. मतगणना में मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 वोट मिले, जबकि थरूर को सिर्फ 1072 लोगों ने वोट किया. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने कांग्रेस (Congress) के पिछले 25 साल के पार्टी चुनाव के इतिहास में एक उपलब्धि अपने नाम की.

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए 17 अक्टूबर को हुए मतदान में कुल 9385 वोट पड़े थे, जिनमें से 416 वोट अवैध करार दिए गए. 8969 वैध वोटों में से 1072 मत शशि थरूर (Shashi Tharoor) के हिस्से में आए और उनके मतों का प्रतिशत 11.95 फीसदी रहा. इस हिसाब से 25 साल के इतिहास में हारने वाले उम्मीदवार का यह सबसे अच्छा वोट प्रतिशत है.

22 साल पहले हारने वाले को मिले थे सिर्फ 1 फीसदी वोट

कांग्रेस अध्यक्ष के लिए इससे पहले 22 साल पहले चुनाव हुआ था और तब सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने जीत हासिल की थी. सोनिया गांधी को उत्तर प्रदेश के जितेंद्र प्रसाद ने चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें 100 से भी कम वोट मिले और उनका वोट प्रतिशत करीब 1 फीसदी था. उस समय कुल 7771 वोट डाले गए थे, जिनमें से 229 वोट अवैध हो गए थे और सोनिया गांधी को 7448 वोट मिले थे.

1997 में भी हारने वाले का वोट प्रतिशत रहा था कम

इससे पहले साल 1997 में हुए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में तीन उम्मीदवार मैदान में थे और सीताराम केसरी ने 6224 मतों के साथ जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे नंबर पर रहे शरद पवार को 888 वोट मिले थे और उनका मत प्रतिशत 11.9 फीसदी था. वहीं, तीसरे नंबर पर रहे राजेश पायलट को सिर्फ 354 वोट मिले थे और उनका मत प्रतिशत एक फीसदी से भी कम था.

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