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यूपी की इन 10 विधानसभा सीटों पर होगी CM योगी की परीक्षा! दौड़ेगी साइकिल या खिलेगा फूल?

UP News: एक बार फिर सबकी नजरें उत्तर प्रदेश पर हैं क्योंकि देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले यूपी में आने वाले महीनों में उपचुनाव होने हैं. यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसे लेकर ना सिर्फ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख दांव पर है.  बल्कि 'दो लड़कों की जोड़ी' यानी राहुल और अखिलेश यादव की दोस्ती का भी टेस्ट होगा.

यूपी की इन 10 विधानसभा सीटों पर होगी CM योगी की परीक्षा! दौड़ेगी साइकिल या खिलेगा फूल?
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Rachit Kumar|Updated: Jun 17, 2024, 07:32 PM IST

UP By-Elections 2024: लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार 3.0 कामकाज में जुट गई है. लेकिन बीजेपी के सामने इस वक्त सबसे बड़ा सवाल है कि जिस यूपी पर उसे सबसे ज्यादा भरोसा था, वहीं उसका गेम खराब हो गया. इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख पर भी असर पड़ा है. बीजेपी हार के कारण खोजने में जुट गई है.

लेकिन एक बार फिर सबकी नजरें उत्तर प्रदेश पर हैं क्योंकि देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले यूपी में आने वाले महीनों में उपचुनाव होने हैं. यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसे लेकर ना सिर्फ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख दांव पर है. बल्कि 'दो लड़कों की जोड़ी' यानी राहुल और अखिलेश यादव की दोस्ती का भी टेस्ट होगा.

क्यों हो रहे हैं उपचुनाव

दरअसल समाजवादी पार्टी और बीजेपी के 9 विधायक अब सांसद बन चुके हैं. इसके बाद उन्होंने विधानसभा से त्यागपत्र दे दिया. आगजनी मामले में इरफान सोलंकी को 7 साल कैद की सजा हो चुकी है, जिसके बाद उनकी सिशामऊ विधानसभा सीट से सदस्यता जाना तय है. 

अखिलेश ने छोड़ी सीट 

अखिलेश यादव भी कन्नौज सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं. इसके बाद उन्होंने भी करहल सीट छोड़ दी है. उन्होंने बीजेपी के सुभ्रत पाठक को मात दी थी. इतना ही नहीं सांसद बनने के बाद सपा के अवधेश प्रसाद और लालजी वर्मा भी विधानसभा सीट छोड़ चुके हैं.    

बीजेपी के लिए चुनौती

दरअसल केंद्र और राज्य सरकार में डबल इंजन सरकार होने का बाद भी बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद से बेहद कम रहा है. यह बीजेपी की नाक का सवाल बन गया है. जबकि सपा-कांग्रेस के हौसले बढ़े हुए हैं. इतना ही नहीं अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट भी बीजेपी के अजेडें में है, जहां उसे मंदिर निर्माण और शहर के विकास के बावजूद हार नसीब हुई. माना जा रहा है कि इस सीट पर बीजेपी पासी उम्मीदवार को मौका दे सकती है. 

करहल में किस पर दांव?

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव के इस सीट को छोड़ने के बाद अब सपा तेज प्रताप यादव को उतार सकती है, जो सपा प्रमुख के भतीजे हैं. करहल सीट सपा चीफ ने 2022 में बीजेपी के एसपी सिंह बघेल को हराकर हासिल की थी. चूंकि कांग्रेस का भी प्रदर्शन बेहतर हुआ है इसलिए वह भी कुछ सीटों पर दावा ठोक सकती है. 

क्या बनी रहेगी दो लड़कों की जोड़ी?

इससे पहले 2017 में भी अखिलेश यादव और राहुल गांधी साथ आए थे. लेकिन तब यह जोड़ी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए थे. लेकिन इस बार बाजी पलट गई है. दरअसल गैर यादव ओबीसी और दलित वोट भी अब सपा की ओर शिफ्ट हो गया है, जिसके बाद सपा के सुर बदल गए हैं. कांग्रेस भी अपने कुछ उम्मीदवार इन सीटों पर उतार सकती है. माना जा रहा है कि सपा कांग्रेस को दो सीटें दे सकती है. 

 

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